यूपी में सीएम बनने के बाद नहीं बहेंगे बेजुबानों के आंसू और खून

यूपी में स्लाटर हाउसनई दिल्लीः यूपी में भाजपा प्रचंड बहुमत से आ गई है। अब सबकी नजरें होने वाले सीएम पर लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के लिये पार्टी में बैठकों का दौर जारी है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी में स्लाटर हाउस पर बड़ा बयान दिया है। इस बयान के बाद बूचड़खाना चला रहे मालिकों में हड़कंप मचा है। वैसे सरकार पर भी गौहत्या पर रोक लगाने का दबाव है।

यूपी चुनाव के बिगुल बजने के साथ ही भाजपा ये मुद्दा उठाती रही है। अब सरकार बनने के बाद इस पर काम करना होगा। एक निजी चैनल में शिरकत करने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यूपी में स्लाटर हाउस के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ लेते ही काम शुरू हो जाएगा। इससे यूपी के हर जिले में बूचड़खाना चला रहे मालिकों में हड़कंप मचा है।

दरअसल बीती सरकार में यूपी में स्लाटर हाउस धड़ल्ले से खुले। सूबे के तमाम हिस्सों में पशुओं की चोरी की घटनाएं सामने आ रहीं थीं। कई गिरोह के जरिए पूरे राज्य में यह अवैध कारोबार चल रहा है।

बीते साल मुरादाबाद के तत्कालीन एसएसपी ने जब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए एक स्लाटर हाउस को एनओसी देने से मना किया तो शासन घण्टे भर में तबादला कर दिया।

यूपी में स्लाटर हाउस के सिर्फ 126 लाइसेंस

सपा सरकार में मुस्लिम इलाकों में इसमें कई सपा के नेताओं के संरक्षण में चल रहे हैं। जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कागजातों में कुल 126 बूचड़खानों का ब्यौरा है।

मगर सूत्र बताते हैं कि इससे कई गुना ज्यादा बगैर परमिट के चलाए जा रहे हैं। जो 126 बूचड़खाने चल भी रहे हैं तो उसमें से अधिकांश मानकों का पालन नहीं कर रहे। उनके पास ट्रीटमेंट प्लांट भी नहीं है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने साफ आदेश दिया कि जो मानकों को पूरा नहीं करते उन बूचड़खानों को दिसंबर 2015 के बाद बंद कर दिया जाए। यूपी के संभल, अलीगढ़, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि जिलों में मानकों को दरकिनार कर बूचड़खाने चलाने से प्रदूषण को लेकर एनजीटी में याचिका दाखिल हो चुकी है।

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