यूपी में लागू होने जा रही है ‘टू-चाइल्ड पालिसी’, दो से ज़्यादा बच्चे हुए तो..

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस के दिन राज्य में ‘टू चाइल्ड पॉलिसी’ का ऐलान कर सकते हैं। इससे दो दिन पहले उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने शुक्रवार को प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का पहला ड्राफ्ट जारी किया है। ड्राफ्ट बिल में दो से अधिक बच्चे रखने वालों को सरकारी नौकरी और सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा ड्राफ्ट में टू चाइल्ड पॉलिसी का पालन नहीं करने वालों को भत्तों से भी वंचित करने का प्रावधान है।

ड्राफ्ट बिल में दो बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वालों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने और सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से रोकने का प्रस्ताव है। बिल में चार लोगों का ही राशन कार्ड पर एंट्री सीमित करने का भी प्रावधान है। बिल में सरकारी सेवकों का प्रमोशन रोकने और 77 तरह की सरकारी योजनाओं और अनुदान से भी वंचित करने का प्रावधान है। ड्राफ्ट के मुताबिक, अगर यह पॉलिसी लागू होती है तो एक साल के अंदर, सभी सरकारी सेवकों, स्थानीय निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके दो ही बच्चे हैं और वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. अगर उनके तीन बच्चे हुए तो सरकारी कर्मियों का प्रमोशन रुक सकता है और निर्वाचित प्रतिनिधियों का चुनाव रद्द हो सकता है।

इसके उलट, जो लोग टू-चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें कई तरह के लाभ दिए जाने की सिफारिश ड्राफ्ट बिल में की गई है। ड्राफ्ट के मुताबिक ऐसे सरकारी कर्मचारी जो टू चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, भूखंड या घर की खरीद पर सब्सिडी, यूटिलिटी बिल पर छूट और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में तीन फीसदी की वृद्धि दे का प्रावधान किया गया है। ड्राफ्ट के मुताबिक, जो सरकारी कर्मी सिंगल चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें चार अतिरिक्त वेतन वृद्धि और मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त 20 साल की उम्र तक बच्चे को मुफ्त शिक्षा भी दी जाएगी।

ड्राफ्ट में उन लोगों की भी बात की गई है, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं लेकिन टू चाइल्ड पॉलिसी का पालन करते हैं। ऐसे लोगों को पानी और बिजली के बिलों, होम लोन और हाउस टैक्स पर छूट देने का प्रावधान ड्राफ्ट बिल में किया गया है। ड्राफ्ट बिल पर 19 जुलाई तक सुझाव और आपत्ति मांगी गई हैं। योगी आदित्यनाथ इस पॉलिसी का ऐलान ऐसे वक्त में करने जा रहे हैं, जब राज्य में विधान सभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है।

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