यूपी पुलिस की नई पहल! जो नन्हे हाथ भीख मांग रहे थे अब वही उठाएंगे ‘किताबे’

नोएडा : वो नन्हे हाथ जो कभी भीख के लिए उठते अब उन्हीं हाथों में पेंसिल, कॉपी, किताब है और कंधे पर लटका स्कूल बैग होगा, इन बच्चों की आंखों में भी स्कूल जाने का सपना था जो अब साकार होता दिख रहा है. भीख मांगने वाले बच्चों में शिक्षा की अलख जगाई है. नोएडा पुलिस ने एचसीएल कंपनी के साथ मिलकर नन्हे परिंदे नाम से एक कार्यक्रम शुरू करके। इसके लिए एक एमओयू नोएडा पुलिस, एचसीएल और चेतना के बीच साइन किया गया है।

नोएडा की व्यवस्तम चौराहो के किनारे आम तौर पर भीख मांगते, गुलाब, खिलौने और रोज़मर्रा का समान बेचते बच्चे दिख जाएंगे। कई बार गलत संगत में पड़ ये बच्चे अपराध से जुड़ जाते है। सड़कों पर भीख मांगने वाले और लावारिस पाए जाने वाले बच्चों को बुनियादी शिक्षा से जोड़ने के लिए नोएडा पुलिस ने एचसीएल कंपनी के साथ मिलकर नन्हे परिंदे नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है। एचसीएल उदय प्रोग्राम के अंतर्गत 5 मोबाइल शिक्षा बस तीन साल के समय तक जगह जगह जाकर गरीब बच्चों को शिक्षा हासिल करने में मदद करेंगी, प्रत्येक वैन में एलसीडी स्क्रीन के साथ 2 अध्यापक और शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध होगी, स्मार्ट क्लासेज में 30 बच्चों को एक साथ पढ़ाया जा सकेगा।

शिक्षा की मुख्यधारा से छूटे गए इन बच्चों के लिए एससीएल फाउंडेशन पहले से ही काम कर रहा है। यह एक अनोखा कदम है जो एचसीएल ने नोएडा पुलिस के साथ मिल कर उठाया। जिसमे हम पाँच मोबाइल बसे शुरू कर रहे है।

इन मोबाइल बसो का नाम नन्हे परिंदे रखा है। जिसमे तीन साल के समय तक जगह जगह जाकर गरीब बच्चों को शिक्षा हासिल करने में मदद करेंगी, प्रत्येक वैन में एलसीडी स्क्रीन के साथ 2 अध्यापक और शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध होगी, स्मार्ट क्लासेज में 30 बच्चों को एक साथ पढ़ाया जा सकेगा। हमारी कोशिश यह रहेगी कि बच्चे से इस चलती फिरती पाठशाला के सहारे न रहे, उन्हे मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि एचसीएल कंपनी एक आधुनिक बस उपलब्ध कराएगी, जिसमें शिक्षा के सारे उपकरण होंगे। बस के माध्यम से नोएडा में भिन्न-भिन्न स्थानों पर रुक कर सड़कों पर रहने वाले गरीब बच्चों को बुनियादी शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त एचसीएल फाउंडेशन द्वारा उनके भरण-पोषण का भी ध्यान रखा जाएगा।

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इस प्रयास से बच्चे सामाजिक हिंसा से दूर रहेंगे। उन्होंने बताया कि यह प्रयास होगा कि बच्चों को सोचने की एक नई दिशा मिले एवं उन्हें असामाजिक गतिविधियों से विमुख कर मुख्यधारा से जोड़ा जाए। स्थानीय थाना पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ की जाएगी कानूनी कार्यवाही।

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