यूपी चुनाव: छठे चरण में 7 जिलों की 49 सीटों पर 5 बजे तक 57 फीसदी वोटिंग

यूपी चुनावलखनऊ।  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में 7 जिलों की 49 सीटों पर शनिवार को वोट पड़े। शाम 5 बजे तक 57.03 पर्सेंट वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कई सीटों पर मतदान जारी होने की वजह से यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़,  बीजेपी के हिन्दुत्ववादी नेता और सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर, माफिया-नेता मुख्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया में वोटर्स ने अपना फैसला सुना दिया है, जो 11 मार्च को सामने आएगा।

छठे चरण में नेपाल से सटे महराजगंज और कुशीनगर के साथ-साथ गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ और बलिया जिलों की 49 सीटों पर मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा। इस चरण के चुनाव प्रचार में भी बीजेपी, एसपी, बीएसपी, कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। इस चरण में 77 लाख 84 हजार महिलाओं समेत करीब 1 करोड़ 72 लाख मतदाताओं को कुल 635 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करना था। इसके लिए 17 हजार 926 मतदान केंद्र बनाए गए थे। वर्ष 2012 में इन सीटों में से एसपी ने 27, बीएसपी ने 9, बीजेपी ने 7 और कांग्रेस ने 4 सीटें जीती थी, जबकि 2 सीटें अन्य के खाते में गई थीं।

इस चरण में सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार गोरखपुर सीट पर मैदान में हैं, जबकि सबसे कम 7 उम्मीदवार मऊ जिले की मोहम्मदाबाद गोहना सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें हैं। वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में एसपी ने इनमें से 9 सीटें जीती थीं। हालांकि मुलायम ने इस बार आजमगढ़ में एक भी चुनावी रैली नहीं की है।

सांसद आदित्यनाथ के अलावा केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। छठे चरण में होने वाले चुनाव में प्रमुख उम्मीदवारों में बीएसपी छोड़कर बीजेपी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य (पड़रौना), बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही (पथरदेवा), पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के बेटे श्याम बहादुर यादव (फूलपुर पवई), एसपी छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी (फेफना) और नारद राय (बलिया सदर) शामिल हैं। इसके अलावा मऊ से बाहुबली  विधायक मुख्तार अंसारी, उनके बेटे अब्बास अंसारी (घोसी) की किस्मत भी ईवीएम में बंद हो चुकी है।

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