यूपी की गद्दी ने बढ़ाई भाजपा की मुसीबतें, अब अपने ही लोगों से झूझ रहे आलाकमान

यूपी की गद्दीलखनऊ। अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद से ही पूरे यूपी में उथल-पुथल का माहौल है। यूपी की गद्दी का वारिस कौन होगा यह सवाल सभी के दिल में घर कर चुका है। लेकिन लाख जातन के बाद भी अभी तक असल हकदार की घोषणा नहीं हो पाई। एक ओर जहां भाजपा के आलाकमान इस फैसले को लेने में बेहद ही संजीदगी से जुटे हुए हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने चहेते चेहरे को ताज पहनाने के लिए अजीबोगरीब घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन घटनाओं को देख भाजपा के बड़े-बड़े दिग्गज भी परेशान हैं।

यूपी की गद्दी का वारिस

अपने नेता को सीएम का ताज पहनाने पर उतारू कार्यकर्ता अब किसी भी हद तक जाते दिख रहे हैं। कोई ऊटपटांग हरकत कर रहा है तो कोई भगवान की शरण में जा रहा है।

सांसद योगी आदित्य नाथ को बतौर सीएम बनाने के लिए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उनाव के गायत्री शक्ति पीठ में यज्ञ का आयोजन किया तो उधर गोंडा में प्रिंस सिंह नाम का युवक रगड़गंज बाजार में योगी को सीएम बनाने की मांग को लेकर मोबाईल टॉवर पर चढ़ गया।

राजधानी लखनऊ में भी ऐसा ही एक वाकया सामने आया। प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सीएम बनाने की चाह में उनके समर्थक विनीत यादव ने उदयगंज स्थित हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का पाठ करा दिया।

उन्होंने कहा की उनकी भगवान से प्रार्थना है की स्वतंत्र देव सिंह को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया जाए।

इस तरह की घटनाओं को देख भाजपा की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। लेकिन भाजपा के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता को खुश करना मुमकिन नहीं हैं।

अब सीएम की कुर्सी एक ही है और उस पर एक ही को विराजित किया जा सकता है। अब किसकी दुआ या कोशिश रंग लाती है यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।

बता दें भाजपा को यूपी के नए सीएम को चुनने में ख़ास बात का ध्यान रखना है कि वह ऐसा चेहरा लोगों के सामने लेकर आएं जो यूपी को भली प्रकार से जानता हो और जनता को पूर्ण रूप से खुश कर सके। साथ ही जनता की उम्मीदों पर खरा भी उतरे।

वजह यह है कि भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी साल 2019 का पड़ाव आसान नहीं होगा।

फिलहाल अभी तक मोदी लहर भाजपा के खूब काम आती दिखी, पर अब इस लहर को अगले पड़ाव में भी कायम रख पाने का सारा दारोमदार यूपी का अगला सीएम के कंधों पर ही जा टिकेगा।

बहुमत के बाद भी ऐसी स्थिति को देख भाजपा आलाकमान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। बहरहाल सभी कार्यकर्ताओं को तो खुश करना तो मुमकिन नहीं है लेकिन बीजेपी के लिए यह जरूरी है की वे ऐसा सीएम चेहरा चुनें जो जनता को खुश कर सके क्योंकि 2019 का पड़ाव नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही के लिए आसान नहीं है।

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