याेगी सरकार का मुख्तार पर शिकंजा, 48 करोड़ के अवैध धंधों की तोड़ी कमर

लखनऊ। यूपी में माफिया गिरोहों की ताकत रोजाना बढ़ती जा रहा है जिस पर सख्त कारवाई करते हुए योगी सरकार ने माफिया गिरोहों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उसके गिरोह पर कार्रवाई कारवाई कर सालाना 48 करोड़ रुपए की कमाई का रास्ता बंद कर दिया है। वहीं पुलिस की कार्रवाई अभी भी जारी है और पूर्वांचल में मुख्तार के गुर्गों पर पुलिस का शिकंजा लगातार करता जा रहा है।

पुलिस ने वाराणसी के अंतर्गत आने वाले विभिन्न जिलों में मुख्तार गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई में प्रतिबंधित मछली कारोबार, गिरोह बनाकर वसूली, कोयला कारोबार, बूचड़खाना और स्टोरेज सहित अन्य अवैध धंधों पर रोक लगा दी गई है।

सूत्रों का कहना है कि मछली कारोबार से ही मुख्तार गिरोह साल भर में करीब 33 करोड रुपए की कमाई कर रहा था। बाकी कमाई अन्य अवैध धंधों से की जा रही थी। मुख्तार का पूरा गिरोह इन अवैध धंधों के संचालन में जुटा हुआ था।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ जिलों में मुख्तार गिरोह के कब्जे से काफी जमीन मुक्त कराई गई है। सूत्रों के मुताबिक करीब 120 करोड़ रुपए की संपत्ति गिरोह के अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। वाराणसी के अलावा मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर व जोन के अन्य जिलों गिरोह का अवैध धंधा संभालने वालों की गिरफ्तारी भी की गई है।

ये सभी लोग मुख्तार गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं और उसके अवैध काम करने में जुटे हुए थे। अभी तक ऐसे 100 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और इनमें से 78 बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया गया है।

सरकारी ठेके लेने वाले मुख्तार के करीबियों पर भी शिकंजा कस दिया गया है। मुख्तार गिरोह से जुड़े लोग सरकारी ठेके बड़ी आसानी से हासिल कर लिया करते थे। इन ठेकेदारों के काम की गुणवत्ता बेहद खराब होने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई करने से अफसर डरते थे।

ऐसे 8 ठेकेदारों को चिन्हित किया गया है और उनका चरित्र प्रमाण पत्र रद्द करा दिया गया है। इस कदम को उठाए जाने के बाद अब ये लोग कोई भी सरकारी ठेका नहीं ले पाएंगे।

मुख्तार गिरोह के पास मौजूद असलहों को लेकर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मुख्तार के कई करीबियों ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को छुपाकर असलहों का लाइसेंस हासिल कर रखा था। पुलिस कार्रवाई में अभी तक ऐसे 81 असलहों के लाइसेंस रद्द कराए गए हैं। इस मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

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