यात्रियों को भयंकर दुःख दे रहीं रोडवेज बसें, प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध

REPORT:- DILIP BAJPAI/MAHOBA

योगी सरकार भले ही यूपी रोडवेज की बसों को हाईटेक व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने का दावा कर रही है लेकिन रोडवेज की जर्जर व खटारा बसें सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रहीं हैं, जिन पर यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने की जिम्मेवारी है उनका खुद का कोई ठिकाना नहीं कि रास्ते मे कब और कहाँ खराब हो जाएं.

तो वहीं इन बसों के अंदर की तस्वीरें भी जरा गौर से देख लीजिए , सीटों की हालत किसी गठबंधन वाली सरकार जैसी है जिसका जब मन हुआ अपना हिस्सा लेकर अलग हो जाता है, तो वहीं खिड़कियों की बात तो न ही करें तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि ठीक से बंद भी न होने वाली इन खिड़कियों से आने वाली सर्द हवाएं और हड्डियां गला देने वाली ठंड में भी यात्री इनमें यात्रा करने को मजबूर हैं.

सरकारी बसों का हाल

जी हाँ हम बात कर रहे हैं है महोबा रोडवेज में चल रहीं बसों की , जिनमें यात्री भगवान भरोसे सफर करने को मजबूर हैं, क्योंकि जैसे भी हो मंजिल तक तो पहुंचना ही है. फिर चाहे ये जर्जर और खटारा बसें रास्ते में खराब हो जाएं या फिर किसी हादसे का शिकार हो जाएं और आये दिन हो रहे हादसे इस बात की पुष्टि कर रहे हैं.

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महोबा डिपो में तैनात अधिकारियों के लिए न तो यात्रियों की जान की कोई परवाह है और न ही सरकारी बसों की देखरेख की. कई बार शिकायतों के बावजूद गूँगे बहरे और अंधे हो चुके परिवहन विभाग के जिम्मेवारों के कानों में जूँ तक नहीं रेंगती.

वहीं जब एक बस के ड्राइवर अताउल्ला से बस की कंडीशन के बारे में पूछा तो हिचकिचाते हुए ही सही लेकिन जो जबाब मिला उसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

बस के ड्राइवर का कहना था कि मंजिल तक पहुँच गए तो ठीक वरना बस खराब होने पर वापस लौट आते हैं.

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