राममंदिर सिर्फ संघ की नहीं, भारत की जरूरत: आरएसएस प्रचारक

लखनऊ। हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक नंदकुमार ने यहां शनिवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर सिर्फ संघ की नहीं, भारत की आवश्यकता है, करोड़ों लोगों की आस्था इससे जुड़ी हुई है।

मोहन भागवत

उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय धरोहर और संस्कृति को बचाना प्रत्येक भारतीय का धर्म है। राम मंदिर अयोध्या में बनेगा, चाहे आरएसएस रहे या न रहे।

दैनिक जागरण संवादी कार्यक्रम के दूसरे दिन के सत्र ‘समय के साथ संघ’ में सद्गुरु शरण अवस्थी से बातचीत में नंदकुमार ने कहा कि संघ समय की आवश्यकता थी, संघ की सही स्थित को जानने के लिए उसके इतिहास को जानना जरूरी है। 1925 में संघ के स्थापन सिर्फ 16 लोगों ने की थी और उस समय भारतीय समाज को संगठित करना बहुत जरूरी था, क्योंकि राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लिए आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार स्वयं लड़े और जेल भी गए। संघ के लोगों ने देश की आजादी में भाग लिया था, मगर उन स्वयंसेवकों ने अपनी कोई पहचान दिखाने के लिए किसी टोपी आदि का सहारा नहीं लिया था, जैसे कांग्रेस के लोगों ने किया था।

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डॉ. मोहन भागवत के समय में गणवेश सहित बहुत सारे बदलाव क्यों आ आए के जवाब में नंदकुमार ने कहा, “पहले संगठन को मजबूत करने की जरूरत थी। आज बहुत ज्यादा लोग जानते हैं। 1925 में अगर जागरण संवादी होता तो आप हमको नहीं बुलाते, क्योंकि हम कहीं नहीं थे। मगर आज संघ बहुत बढ़ गया। इसलिए डॉ. भागवत आक्रामक बदलाव कर रहे हैं।”

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उन्होंने कहा, “डॉ. भागवत व डॉ. हेडगेवार के भाषण में खास फर्क नहीं है। हम आज ज्यादा प्रचार नहीं करते। हम 12 बार गणवेश बदल चुके हैं। बहुत परिवर्तन हुए हैं।”

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