भागवत ने मोदी को सराहा, कहा, ‘नेतृत्व को धर्म का पालन करना चाहिए’

मोहन भागवतनई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में कसीदे गढ़ते हुए बुधवार को कहा कि भारतीय नेतृत्व को ‘धर्म’ का पालन करना चाहिए, तभी देश खुशहाल हो सकता है। भागवत ने कहा, “भारत के नेतृत्व में धर्म आएगा, तभी देश का कल्याण होगा।” ‘धर्म’ की परिभाषा देते हुए उन्होंने कहा, “यह सच्चाई, क्षमा तथा आंतरिक विवेक है, जो केवल समर्पण के माध्यम से मिलता है।”

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मोदी के जीवन पर लिखी गई पुस्तक ‘द मेकिंग ऑफ ए लेजेंड’ का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री बन गए हैं और बहुत कुछ करने में सक्षम हैं, लेकिन एक ऐसा वक्त आ सकता, जब कुछ करने की चाहत रखने वाला प्रधानमंत्री नहीं बन सकता।

उन्होंने कहा, “यह हो सकता है। तब हम क्या करेंगे? चाहे किसी को प्रधानमंत्री बनना हो या नहीं, हमें समर्पण भाव के साथ कार्य करना जारी रखना चाहिए।” कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों मनोज सिन्हा, अर्जुन मेघवाल, विजय सांपला, भाजपा के उपाध्यक्ष ओम माथुर तथा पांडिचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी तथा कुछ राजनयिक मौजूद थे।

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मोदी के कार्यो की प्रशंसा करते हुए भागवत ने कहा कि भारतीय समाज में एक बुराई है।

उन्होंने कहा, “इसे हमेशा ठेकेदार की जरूरत पड़ती है। उन्हें समाज कल्याण के लिए एक ठेकेदार मिल गया है। लेकिन खतरा यह है कि अगर हम सारी जिम्मेदारियां ठेकेदार के सिर डालकर सो जाएं..यह नहीं होना चाहिए।”

भागवत ने कहा कि पुस्तक में करिश्माई नेता का चरित्र लिखा गया है और यह इतना स्वाभाविक है कि दूसरों को प्रेरित करता है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत नहीं करते हैं, लेकिन शुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक लिखी पुस्तक ‘द मेकिंग ऑफ ए लेजेंड’ के विमोचन में आए, केवल मोदी के लिए।

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