लखनऊ पहुंचते ही पीएम मोदी पर मायावती ने लगाया चोरी का आरोप, कहा- जनता माफ़ नहीं करेगी

मोदी सरकारलखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने योद दिवस आयोजन को लेकर पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। किसानों और बेराजगारों के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने पीएम मोदी को अपने मूल कर्तव्यों से नजरे चुराने वाला बताया। उनका कहना है कि योग दिवस के नाम पर मोदी सरकार की ओर से महज एक ढकोसला किया जा रहा है, जिसमें सिर्फ जनता के पैसे की बर्बादी।

उनका कहना है कि उन्हें सरकारी पैसे से जनता के लिए सोचना चाहिए। उनकी तकलीफों की और ध्यान देना चाहिए।

भुखमरी से मर रहे किसानों और रोजाना आत्महत्या की खबरों के बीच पीएम मोदी के कान में तनिक भी जूं नहीं रेंग रही है।

योग दिवास के मौके पर उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए किसानों ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया। उसी भी मोदी जी की ओर से नजरअंदाज कर दिया गया।

लंबे समय तक दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देने वाले किसानों की ओर भी उनका ध्यान नहीं गया।

कितने ही रोग मौजूदा समय में बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। लेकिन इस संबंध में भी मोदी जी ने एक बार भी नहीं सोचा।

बेरोजगारों को रोजगार दिलाना, भूखे परिवारों का पेट भरने जैसी असली ज्वलंत समस्याओं को दरकिनार कर योग दिवस को मनाने का आयोजन बड़े ही धूम-धाम से चलो रहा है।

मोदी सरकार सरकारी धन व संसाधन का इस्तेमाल ऐसी ही जगहों पर ज्यादा कर रही है। इस कारण किसान वर्ग का इस गरीब व किसान-विरोधी नीति वाले कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना उचित व स्वाभाविक है।

मायावती ने कहा कि वैसे तो देश के ग़रीबों व मज़दूरों व अन्य मेहनतकश लोगों को हर दिन मेहनत- मजदूरी की तलाश करके अपना पेट पालने से ही मुक्ति नहीं है, परन्तु किसानों की गहराती समस्या व उस कारण आत्महत्या करने तक की जर्बदस्त मजबूरी वास्तव में रोजगार की भी बहुत बड़ी समस्या है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा भी अब तो आई।टी। सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर छंटनी व बेरोजगारी की बड़ी समस्या देश के लोगों को सताने लगी है।

यह सब बीजेपी सरकार के दौरान ‘रोजगार-बिना विकास’ अर्थात रोजगार का सृजन नहीं कर पाने वाले विकास का ही दुष्परिणाम माना जा रहा है।

इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी सरकार में ‘रोजगार-बिना विकास’ होने के कारण देश में रोजगार के अवसर अन्य क्षेत्रों में भी लगातार कम होते जा रहे हैं, परन्तु संकट के ऐसे गंभीर समय में भी बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारें लापरवाह होकर केवल ‘योग’ जैसे कार्यक्रमों पर सरकारी धन, संसाधन व समय खर्च कर रही हैं, जबकि ऐसे लोक कार्यक्रमों के लिये बीजेपी सरकार को नहीं बल्कि आरएसएस। जैसी संस्थाओं को उत्तरदायी बनाया जाना चाहिये।

मायावती ने यह भी सवाल उठाया की आरएसएस जैसे संगठनों को सरकारी सुविधाएं मिलने के बाद भी वे महज धर्म और जाती के नाम पर नफरत के बीज बोने में क्यों लगे रहते हैं… समाज कल्याण के लिए कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं।

LIVE TV