अभी-अभी : मोदी सरकार के लिए बुरी खबर, ‘कैशलेस’ करते-करते खुद कंगाल हो गए बैंक!
मुंबई। मूडीज-आईसीआरए की ताजा रिपोर्ट ने मोदी सरकार के माथे पर बल ला दिए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अगले दो सालों में कम से कम 95,000 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की जरूरत है। यह रकम सरकार की साल 2019 के मार्च तक की योजना के तहत किए जानेवाले 20,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से काफी अधिक है।
मोदी सरकार के लिए बुरी खबर
मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ विश्लेषक अलका अनबारासु ने कहा, “हमारे केंद्रीय परिपेक्ष्य में हमारा अनुमान है कि मूडीज द्वारा रेटिंग किए गए 11 सरकारी बैंकों को करीब 70,000-95,000 करोड़ रुपये या 10.6-14.6 अरब डॉलर की कार्यशील पूंजी की जरूरत होगी।”
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस और आईसीआरए की यहां जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, मूडीज का मानना है कि सरकार से बैंकों में डाली जानेवाली पूंजी ही बाहरी इक्विटी पूंजी का व्यवहार्य स्त्रोत है, क्योंकि सरकारी बैकों का पूंजी बाजार मूल्यांकन काफी कम है। इसके कारण वे पूंजी बाजार से और इक्विटी नहीं बढ़ा सकते।”
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैंकों की लाभप्रदता में अगले दो सालों में किसी तेजी का अनुमान नहीं है, क्योंकि फंसे हुए कर्जो की वसूली नहीं हो रही और इसका समाधान नहीं निकल रहा है।