मोदी सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में हुए कई बड़े फैसले ! देखें क्या-क्या हुआ …

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 57 अन्‍य मंत्रियों के साथ शपथ ले ली और शुक्रवार को मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी हो गया. विभागों के बंटवारे के बाद मंत्रियों ने अपना काम संभालना शुरू कर दिया है.

शुक्रवार की शाम मोदी कैबिनेट की पहली बैठक हुई. इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. मोदी सरकार ने 2019 के अपने चुनावी घोषणापत्र के वादों को पूरा करने की कोशिश की है.

सबसे बड़ा फैसला प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान योजना का दायरा बढ़ाने का हुआ. इस योजना से करीब 15 करोड़ किसानों को फायदा होगा. इसके अलावा छोटे व्‍यापारियों के भी कैबिनेट ने पेंशन योजना को मंजूरी दे दी.

इससे करीब 3 करोड़ खुदरा व्‍यापारियों और छोटे दुकानदारों को होगा फायदा. कैबिनेट ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बड़ी राहत देते हुए उन्‍हें 3000 रुपये मासिक पेंशन दिए जाने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दी. छोटे और सीमांत किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए स्कीम लांच कर दी गई है.

गौरतलब है कि शुक्रवार को श्रम और रोज़गार मंत्री संतोष गंगवार ने NDTV से कहा था कि उनके मंत्रालय ने प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है. उधर देश की नई वित्त मंत्री बनीं निर्मला सीतारमण ने नई ज़िम्मेदारी मिलने के बाद पिछले वित्त मंत्री अरुण जेटली से जाकर मिलीं. स्वास्थ्य कारणों से जेटली ने इस बार मंत्री बनने से मना कर दिया था.

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर कैबिनेट के महत्‍वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली मंत्रिपरिषद के पहले फैसले में राष्ट्रीय रक्षाकोष के तहत प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना में बड़े बदलाव को मंजूरी दी गई.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “हमारी सरकार का पहला निर्णय भारत की रक्षा करने वालों को समर्पित है.”

उन्होंने ट्वीट में कहा, “राष्ट्रीय रक्षा कोष के तहत प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना में बड़े बदलावों को मंजूरी दी गई, जिनमें आतंक या नक्सलवादी हमलों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के बच्चों को बढ़ी हुई छात्रवृत्ति देने की बात शामिल है.”

छात्रवृत्ति की दरें लड़कों के लिए 2,000 रुपये से 2,500 रुपये प्रति माह और लड़कियों के लिए 2,250 रुपये से 3,000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाई गई हैं.

‘आतंक या नक्स्लवादी हमलों में शहीद हुए’ राज्य पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए भी छात्रवृत्ति योजना की सीमा बढ़ाई गई है.

राज्य पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना का कोटा साल में 500 होगा. राष्ट्रीय रक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रक्षा कोष (एनडीएफ) की स्थापना सन् 1962 में की गई थी.

 

क्या कहा था पीयूष गोयल ने

बजट पेश करते हुए तत्कालीन अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था उम्मीद है कि अगले पांच वर्ष में असगंठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को इस योजना से लाभ मिलेगा. इसके बाद यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन जाएगी.

सरकार ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है. साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस योजना के लिए और ज्यादा राशि भी आवंटित कर दी जाएगी.

 

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