अपनों ने कर दिया थाली में छेद, 2019 में मुश्किल होगी पीएम मोदी की वापसी

मोदी की वापसीनई दिल्ली| केंद्र में भाजपा सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. देश भर में भाजपा जश्न मनाने की तैयारी कर रही है. इस बीच एक सर्वे में कुछ ऐसी चीजें सामने निकलकर आई हैं जो नरेंद्र मोदी और भाजपा को टेंशन दे सकती है. इस सर्वे से लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी की वापसी आसान नहीं रहने वाली है.

भले ही लोग अभी भी नरेंद्र मोदी को 2019 के लिए प्रधनामंत्री का सबसे दमदार चेहरा मानते हों लेकिन सी वोटर के सर्वे में इससे उलट नतीजे सामने आए हैं. इस सर्वे में ये बात साफ़ हो गयी है कि अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी का कद तो बढ़ा लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में एक बड़ा रोड़ा मोदी की जीत को हार में बदल सकता है.

सर्वे में इसकी वजह के रूप में भाजपा सांसदों के रवैये को जिम्मेदार ठहराया गया है. इस सर्वे में तीन साल बाद सरकार के लिए चिंताजनक बात सिर्फ इतनी है कि उनके सांसदों के प्रति उनके संसदीय क्षेत्रों में आम लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. वे मोदी सरकार की एकमात्र कमजोर कड़ी और चिंता की लकीर बन कर निकल रहे हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े

2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 282 सीट मिली थीं और कांग्रेस को सिर्फ 44 सीट मिली थीं. उस वक्त मोदी लहर तो थी लेकिन कांग्रेस में भी काफी उठापटक चल रही थी जिस कारण कांग्रेस की जबरदस्त हार हुई.

लेकिन सर्वे कहता है कि 2019 लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस पूरी प्लानिंग के साथ आई तो बीजेपी पर भारी पड़ सकती है. क्योंकि आम लोगों के बीच भाजपा सांसदों से काफी नाराजगी है.

सर्वे में के अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में स्थानीय सांसदों के प्रति लोगों के अन्दर जबरदस्त रोष है. वहीं, अगर 2014 के वोट प्रतिशत की बात करें तो इस चुनाव में बीजेपी को 47% वोट शेयर था. जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 32% था. इससे साफ़ है कि कांग्रेस अपने वोट शेयर को जीत में नहीं बदल पाई नहीं तो उसकी स्थिति बहुत बेहतर होती.

ऐसे समय में जब भाजपा लोकसभा चुनाव की जबरदस्त तैयारी में लगी हुई है तब इस तरह की सच्चाई का सामने आना पार्टी के लिए चिंताजनक है. अब वो समय है जब पीएम मोदी को सांसदों को सही राह पर लाना जरूरी है. क्योंकि भाजपा की एक छोटी सी गलती का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस तैयार बैठी है.

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