प्रधानमंत्री की कुर्सी गलत हाथों में, इसपर बैठे इंसान का दिमाग खाली

मोदीलखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अलाउद्दीन खिलजी और मोहम्मद बिन तुगलक द्वारा लिया गया फैसला करार दिया है।
उन्होंने कहा कि यह फैसला आर्थिक नहीं बल्कि राजनैतिक था और केवल उत्तर प्रदेश के चुनाव को जीतने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें अच्छे दिन नहीं, सच्चे दिन चाहिए।

कपिल सिब्बल ने शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नोटबंदी के इस फैसले को राष्ट्रहित के खिलाफ करार देते हुए कहा कि इस फैसले के बाद खुद मोदी की समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें? इसलिए इस मसले पर वह कई बार पलट चुके हैं। बिना किसी सोच या समझ वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा है।

कपिल सिब्बल ने कहा कि देश के लिए यह अत्यंत्य दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर समय बोलने वाले और संसद की जमीन को चूमने वाले मोदी आज खामोश हैं और खामोश रहने वाले मनमोहन सिंह को आज बोलना पड़ रहा है। मोदी अगर सदन में चर्चा में भाग लेते तो विपक्ष उन्हें सुझाव भी देता।

कपिल सिब्बल ने कहा कि देश में नोटबंदी के बाद जितने नोटों की कमी हो गयी है, उसे पूरा करने के लिए लगभग साढ़े नौ महीने तक छपाई करनी पड़ेगी। देश के 90 करोड़ लोगों के पास तो बैंक में खाते नही हैं और देश के तमाम दूरस्थ इलाकों में बैंक तक नही हैं, उनकी परेशानियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस नोटबंदी से कोई बड़ा कालाबाजारी तो हाथ में आया नहीं, सिर्फ मछलियों को तड़पाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री का विश्वास कैसे करें जो हमेशा झूठ बोलते हैं। मोदी ने कहा था कि सौ दिन अंदर विदेश में जमा 80 लाख करोड़ रुपया लायेंगे, 15 लाख रुपया हर खाते में जमा करेंगे, नोटबंदी की परेशानी दो-तीन दिन में खत्म हो जायेगी जबकि वित्त मंत्री ने कहा कि परेशानी ठीक होने में दो-तीन हफ्ते लग जाएगी। मोदी ने कहा कि पचास दिन दे दो, क्या उन पर विश्वास किया जा सकता है?

कपिल सिब्बल ने व्यंग्य किया कि मोदी कहते हैं कि देश बदल रहा है, असल में देश जल रहा है। देश में बदलाव तब आएगा जब 2019 में इन चिंगारियों की मदद से दिल्ली में बैठी सरकार बदलेगी।

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