मोक्षदा एकादशी 2018: इस दिन व्रत रखने ने पूरी होती हैं मन की सभी इच्छा, ना करें नजरअंदाज

समस्त पापों को नष्ट कर मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी इस बार 18 दिसंबर दिन मंगलवार को है। हालांकि पूजा और व्रत पारन के लिए 19 तारीख को एकादशी मानी जाएगी। बनारस के पंचांग के अनुसार, यह व्रत मार्गशीर्ष माह के की शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से मनुष्य को संसार के आवागमन के बंधन से मुक्ति यानी मोक्ष प्राप्त होता है, इसलिए इसका नाम मोक्षदा एकादशी है।

मोक्षदा एकादशी 2018

हिंदू धर्म में माना जाता है कि मोक्ष प्राप्त किए बिना मनुष्य को बार-बार इस संसार में आना पड़ता है। मोक्ष की इच्छा रखने वाले प्राणियों के लिए मोक्षदा एकादशी व्रत रखने की सलाह दी गई है। इस व्रत की कथा पढ़ने या श्रवण करने से पुण्य फल प्राप्त होता है।

आज के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण दिया था गीता का उपदेश-
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन ही कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। अत: यह तिथि गीता जयंती के नाम से भी जानी जाती है। इस दिन से गीता-पाठ का अनुष्ठान प्रारंभ करें तथा प्रतिदिन गीता अवश्य पढ़ें।

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मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्व-
यह व्रत समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला है। मोक्षदा एकादशी पर सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। भगवान विष्णु की आराधना करें। पूजा में तुलसी के पत्तों को अवश्य शामिल करें। रात्रि में भगवान श्रीहरि का भजन-कीर्तन करें। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें। परिवार के साथ उपवास को खोलना चाहिए। मोक्षदा एकादशी से एक दिन पहले दशमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए तथा सोने से पहले भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए।

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एकादशी तिथि- (दृकपंचांग के अनुसार)
एकादशी तिथि प्रारंभ – 07:57AM  18 दिसंबर 2018
एकादशी तिथि समाप्त – 07:35 AM 19 दिसंबर, 2018

मोक्षदा एकादशी पारन का समय -01:19PM से 03:21PM (19 दिसंबर)

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