मॉरिसन कोर्ट में हुई आगजनी को लेकर पुलिस के विरोध में एफआईआर दर्ज़ कराएगी एएमयू
REPORT:-ARJUN VARSHNEY/ALIGARH
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीते 15 दिसम्बर की रात को पुलिस से हुई छात्रों की हिंसक झड़प के बाद अब एएमयू प्रशासन स्थानीय आरएएफ व पुलिस के ख़िलाफ़ देगी लिखित शिकायत। मुक़द्दमा लिखवाने के लिए एएमयू रजिस्ट्रार या प्रॉक्टर की ओर से पुलिस की ज़्यादती के विरुद्ध लिखवाया जा रहा है मुक़द्दमा, एएमयू पीआरओ ने कहा पुलिस को सिर्फ़ रास्ता क्लियर कराने के लिए कहा था न कि हॉस्टल में घुसने या बलप्रयोग करने के लिए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क कार्यालय ने बताया कि 15 दिसम्बर की जो घटना एएमयू में हुई उसमें मुख्य रूप से यूनिवर्सिटी के आफ़ताब हॉल के मॉरिसन कोर्ट हॉस्टल में पुलिस की ज़्यादती देखने को मिली है। उस मामले पर संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निर्णय लेते हुए एक एफआईआर उस मामले में कराने का निर्णय लिया है।
ताकि उस मामले में कानूनी कार्यवाही की जा सके। क्योंकि उस दिन लड़कों के साथ पुलिस की ज़्यादती हुई है। अब पुलिस के विरुद्ध एफआईआर कराने का निर्णय यूनिवर्सिटी के वीसी ने लिया है। क्योंकि उस दिन पुलिस को यूनिवर्सिटी कैम्पस में सिर्फ़ रास्ता क्लियर कराने के लिए बुलाया गया था।
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मॉरिसन कोर्ट का वो कमरा जला भी है। ये सारी चीजें वीडियो में जब आई हैं उसी के आधार पर मुक़द्दमा दर्ज़ कराने का निर्णय लिया गया है। हमारे द्वारा पुलिस के खिलाफ दी जा रही शिकायत में आरएएफ भी शामिल है सिविल पुलिस भी है और जो भी पुलिस रही होगी वो भी है। वहीं बताया कि ह्यूमन राइट्स कमीशन की जांच टीम के समक्ष भी समय रहते यह मुकदमा बयानों में सम्मलित किया जायेगा।
वहीं एएमयू इंतजामिया द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने की सूचना ने छात्रों के आंदोलन को एक नया रुख दे दिया है। जिसमें एएमयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन व अन्य छात्रों ने इस कदम की सराहना करते हुए सवाल भी खड़े किए, कहा! अब चलो कोई बात नहीं इतने वक्त बाद ही सही कुछ तो याद आई।
लेकिन आगे कहा कि एएमयू इंतजामिया इस मुकदमे को खुद ही लिखकर न दे, बल्कि जिस छात्र के साथ उस रात मारपीट की वीडियो मौजूद है उससे उस वक्त क्या वाकया हुआ था उसी के आधार पर तहरीर बननी चाहिये और उसी आधार पर मुकदमा दर्ज कराया जाये।