‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ का असर लोगों के वास्तविक जीवन पर पड़ा

मुंबई। एडुटेनमेंट शो ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ के एक निर्माता ने गुरुवार को दावा किया कि इसकी सबसे बड़ी सफलता इसका वो असर रहा है जो लोगों के वास्तविक जीवन पर पड़ा।

शो की निर्माता व पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा, “कहानी मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर की है। अतीत में, छतरपुर में महिलाओं की स्थिति खराब थी और प्रचलित सामाजिक मानदंडों ने पत्नी की पिटाई और लिंग भेदभाव को प्रोत्साहित किया हुआ था। यह शो महिलाओं के सम्मान और उन्हें साझेदार बनने के लिए प्रोत्साहित करने वाले संदेशों के साथ पुरुषों तक पहुंचा।”

उन्होंने कहा, “अब इन पुरुषों ने न केवल महिलाओं, लिंग संबंधी मुद्दों और परिवार नियोजन के प्रति अपना व्यवहार बदल दिया है, बल्कि वे राज्य के अन्य हिस्सों में भी पुरुषों को बदलने के मिशन पर हैं। छतरपुर के ये लोग संगीत का उपयोग महिलाओं के सशक्तीकरण और लैंगिक मुद्दों को फैलाने के लिए कर रहे हैं।”

पूनम मुत्तरेजा ने कहा, “कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों और यौन व प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर सामाजिक मानदंडों, दृष्टिकोण और प्रथाओं को संबोधित करना है। मैं असल जिंदगियों के नायक की असली कहानियों को हमारे कार्यक्रम की सफलता का वास्तविक वजह मानती हूं। यह कार्यक्रम उन लोगों के साथ जुड़ चुका है, जिन्हें चेंज-एजेंट के रूप में उभरने के लिए शक्तिशाली कहानियों की आवश्यकता है।”

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‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ एक युवा डॉक्टर डॉ. स्नेहा माथुर की प्रेरक कहानी है, जो मुंबई में अपने आकर्षक करियर को छोड़ कर अपने गांव में काम करने का फैसला करती है। यह शो सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की बेहतरीन गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. स्नेहा के प्रयास पर केंद्रित है।

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