मेहनत जारी रख विश्व रैंकिंग में आगे जाना चाहता हूं : पारूपल्ली कश्यप

नई दिल्ली। भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप को अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीतने में तीन साल का समय लगा और उनका मानना है कि उनके लिए आस्ट्रिया ओपन की जीत अपने लिए एक नई राह तलाशने की ओर बड़ी सफलता है। कश्यप को हमेशा से भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ियों में गिना जाता रहा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षो से चोटों के कारण विश्व रैंकिंग में वह फिसलते रहे हैं।

पारूपल्ली कश्यपकश्यप ने अपना पिछला साल अधिकतर टूर्नामेंटों में अंतिम-32 या अंतिम-16 दौर में रहते हुए बिता दिया। हालांकि, डॉ. अखिलेश दास गुप्ता इंडिया ओपन में इस साल उन्होंने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पाए।

इस हार के बावजूद अपने खोए स्तर को फिर से हासिल करने की चाह में कश्यप ने हार नहीं मानी और आखिरकार आस्ट्रिया ओपन के रूप में तीन साल बाद पहला अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीता। उन्होंने इस टूर्नामेंट के फाइनल में मलेशिया के जून वेई चीम को 37 मिनट के भीतर सीधे गेमों में 23-21, 21-14 से हराकर जीत हासिल की।

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इस बारे में कश्यप ने कहा, “इतने समय बाद टूर्नामेंट जीतकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। इसके लिए अकादमी में गोपीचंद और कोचिंग स्टॉफ का शुक्रगुजार हूं। मैंने काफी कड़ी मेहनत की है और इसके जरिए अपने जीत के सिलसिले को जारी रखना चाहता हूं, ताकि मैं विश्व रैंकिंग में आगे बढ़ सकूं।”

हैदराबाद के रहने वाले 31 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी वर्तमान में विश्व रैंकिंग में 44वें स्थान पर हैं और वह शीर्ष-30 खिलाड़ियों में स्थान पक्का करना चाहते हैं।

कश्यप ने कहा, “मई और जून तक मेरे लिए कोई बड़े टूर्नामेंट नहीं हैं। इसलिए, तब तक मुझे आशा है कि मैं शीर्ष-30 में स्थान हासिल कर पाऊं।”

इस गोल्ड कोस्ट में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए घोषित भारतीय बैडमिंटन टीम में कश्यप का नाम नहीं है। इस बारे में उन्होंने कहा, “चोटों के कारण इस टूर्नामेंट में मैं हिस्सा नहीं ले पाया, लेकिन टीम में चुने गए खिलाड़ी अच्छे हैं। उन्होंने पिछले छह माह में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए, वह राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के काबिल हैं।”

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