
रिपोर्ट-अखिल श्रीवास्तव/रायबरेली
अलीगढ़ में मासूम के साथ दिल दहला देने वाली घटना के बाद भी यूपी पुलिस है कि सबक लेने का नाम नही ले रही है। एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया जिसमे महिला सिपाही पर एक गैंगरेप पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाये है।
गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसे गैंग रेप के 2 माह बाद पेट मे दर्द हुआ और उसने अल्ट्रासाउंड करवाया तो उसमें गर्भ ठहरने की पुष्टि होते ही पीड़िता थाने पर पहुँची.

तो पुलिस ने महिला सिपाही के साथ उसे मेडिकल के लिए भेजा पर उसे क्या पता उसका महिला पुलिस ऐसा मेडिकल करवाएगी कि उसे हॉस्पिटल में ही एडमिट होना पड़ जायेगा।
रायबरेली के जिला अस्पताल में एडमिट इस युवती को गौर से देखिए । इसका आरोप है कि इसकी यह हालत महिला सिपाही की वजह से हुई है। दरअसल यह पीड़िता अमेठी जिले के मोहनगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली है और इसका आरोप है कि 2 मई को इसके साथ आधा दर्जन लोगों ने न सिर्फ गैंगरेप किया था बल्कि विरोध करने पर चाकुओं से हमला भी किया था।
पीड़िता का आरोप है कि 4 मई को नामजद आरोपियो के विरुद्ध थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ पर आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो सकी। यही नही पीड़िता का आरोप है कि दो दिन पूर्व उसके पेट मे दर्द हुआ और जब वह हॉस्पिटल अल्ट्रासाउंड करवाने गई तो रिपोर्ट में गर्भ ठहरने की बात सामने आई.
तब वह कल मोहनगंज थाने गई और वहाँ से मेडिकल के लिए महिला सिपाही गौरीगंज स्थित सीएचसी ले गई जहा पर जबरन महिला सिपाही ने गर्भपात की उसे दवा खिलवा दी जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और उसे देर रात सीएचसी से रायबरेली जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां डॉक्टरों ने हालात नाजुक देख उसे एडमिट कर लिया है ।
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वही रायबरेली जिला अस्पताल में पीड़िता का उपचार कर रहे डाक्टर की माने तो एक रेफर केस आया है जिसमे पीड़िता को पेट दर्द में कोई दवा दी है जिससे उसकी हालत नाजुक हो गई जिसे एडमिट किया गया है। यही नही डाक्टर ने यह भी बतायां की पीड़िता गर्भवती भी बताई जा रही है।





