तीन तलाक से भी ज्यादा खतरनाक है इस्लाम की ये कुप्रथा, पीएम मोदी के पास आया…

मुस्लिम समाजनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला लिया है और इस फैसले से पूरे मुस्लिम समाज की महिलाओं में खुशी की लहर है। पिछले कई सालों से इस कुप्रथा का दंश झेल रही मुस्लिम महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ पल में ही राहत दे दी है लेकिन इसके बाद भी एक ऐसी कुप्रथा है जिसके असहनीय दर्द से आज भी मुस्लिम महिलाओं को हर हाल में गुजरना पड़ता है।

तीन तलाक जैसी कुप्रथा से छुटकारा मिलने के बाद मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अपील की है कि जिस प्रकार से तीन तलाक पर रोक लगाई गई है उसी तरह से महिलाओं के खतना और हलाला जैसी कुप्रथाओं को भी बंद किया जाना चाहिए। इस कुप्रथा पर महिलाओं का कहना है कि इससे ना सिर्फ महिलाओं का मानसिक संतुलन बिगड़ता है बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

आपके हाथ में जल्द होगा 200 का नोट, केंद्र ने जारी किया नोटिफिकेशन

खबर के मुताबिक इस कुप्रथा को लेकर बोहरा समुदाय की मासूमा रानाल्वी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इस देश की औरतों की सिर्फ तीन तलाक ही एक समस्या नहीं है। बल्कि मैं आपको औरतों के साथ होने वाली एक ऐसी कुप्रथा के बारे में बताना चाहती हूं जिसे छोटी बच्चियों के साथ किया जाता है और वह है खतना। मासूमा ने यह भी कहा है कि जब तक हम मुस्लिम महिलाओं का बलात्कार होता रहेगा और हमें परंपरा, धर्म और संस्कृति के नाम पर प्रताड़ित किया जाता रहेगा, तब तक हम लोगों को आजादी नहीं मिल सकती है।

जेटली से पंगा लेकर बुरे फंसे सीएम केजरीवाल, कोर्ट ने दिया अल्टीमेटम

मासूमा ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र भी किया है कि सालों से ही बोहरा समुदाय मे खतना करने की प्रथा का चलन है। जैसे ही मुस्लिम लड़की 7 साल की होती है वैसे ही उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले जाकर उसके प्रायवेट पार्ट को काटवा देती है। हालाकि छोटी उम्र होने के कारण लड़की को इस बारे में कुछ पता नहीं होता लेकिन इसका दर्द उसे जिंदगी भर झेलना पड़ता है।

https://youtu.be/l6Q1KHTsuPw

LIVE TV