मुस्लिम महिलाओं के साथ मोदी सरकार, SC में तीन तलाक का विरोध करेगा केंद्र

तलाकनईदिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार महिला अधिकारों के आधार ‘एकसाथ तीन तलाक’ की व्यवस्था का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी। सरकार ने इसे अपरिहार्य करार दिया और कहा है कि तीन तलाक के मसले को समान नागरिक संहिता के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें इसको समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। हमें महिलाओं के अधिकारें के संदर्भ में बात करने की जरूरत है। हमारा जवाब सिर्फ अधिकारों पर केंद्रित रहने वाला है। किसी महिला के अधिकार अपरिहार्य हैं और संविधान के अनुसार उसके पुरूषों के बराबर के अधिकार हासिल हैं।’

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरूआत में तीन तलाक के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था। इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और ‘निकाह हलाला’ की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरूआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता।

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