जालिम अखिलेश के खिलाफ मजलूम मुलायम का साथ देने मैदान में उतरे मौलाना

मुलायम सिंहबरेली। समाजवादी पार्टी में साइकिल चुनाव चिन्ह को लेकर मचे घमासान में के बीच मुलायम सिंह का साथ देने मौलाना तौकीर रज़ा खां मैदान में आ गए हैं। वह बरेली मसलक, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने अखिलेश यादव की तुलना जालिम से और मुलायम सिंह को मजलूम करार दिया है।

मुलायम सिंह के साथ मौलाना

मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा कि अखिलेश यादव ने बेटे होने का फर्ज अदा नहीं किया, जबकि मुलायम सिंह ने बाप का फर्ज अदा किया है।

आला हजरत खानदान के मौलाना तौकीर ने अखिलेश यादव की तुलना जालिम से करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव इस समय मजलूम हैं। मुसलमान हमेशा मजलूमों के साथ रहता है। अखिलेश यादव ने अपने फर्ज को नज़रअंदाज करते हुए पिता मुलायम को तन्हा कर दिया।

मुलायम के समर्थन में खुल कर बयान देने वाले मौलाना तौकीर रज़ा खान जल्द ही मुलायम सिंह यादव से मुलाकात भी कर सकते हैं।

वो पहले भी कहते रहे हैं कि चुनाव में फिरकापरस्त ताकतों को रोकना होगा। इसके लिए आईएमसी कांग्रेस और लोकदल से भी गठबंधन की बात की थी।

उन्होंने कहा कि 2012 के चुनाव में आईएमसी को खासी सफलता मिली थी। इस चुनाव में कुल दस सीटों पर आइएमसी ने उम्मीदवार उतारे थे।

बरेली की छह शाहजहांपुर की एक तथा मुरादाबाद की तीन सीटों पर आईएमसी ने चुनाव लड़े। इसमें बरेली की भोजीपुरा सीट से उम्मीदवार शहजिल इस्लाम ने 67 हजार वोट हासिल कर जीते। लेकिन बाद में सपा में शामिल हो गए।

वहीं बिथरी चैनपुर सीट पर 31800 वोट पाकर आईएमसी तीसरे और कैंट सीट पर 32 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही। मुरादबाद की तीन सीटों पर 16 हजार, 24 हजार तथा 18 हजार वोट मिले थे।

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