हिमाचल : मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार मामलों को लेकर विधानसभा में हंगामा

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंहधर्मशाला| विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर चर्चा करवाए जाने की मांगों के बीच मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। दोनों पक्षों के बीच करीब आधे घंटे तक चली गर्मागर्म कहासुनी के बाद विधानसभा अध्यक्ष बी. बी. एल. बुटैल ने 15 मिनट के लिए विधानसभा की कार्यवाही भंग कर दी।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह

इससे पहले सुबह जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा सदस्य सुरेश भारद्वाज, राजीव बिंदल और रवींदर रवि खड़े हो गए और वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रहे मामलों पर चर्चा की मांग करने लगे।

उन्होंने कहा कि चर्चा करवाए जाने के लिए उन्होंने पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दे दिया है।

हालांकि अध्यक्ष बुटैल ने उन्हें चर्चा की इजाजत नहीं दी, क्योंकि मामला न्यायालय में चल रहा है।

बुटैल ने कहा, “ऐसे मामले जो न्यायालय में चल रहे हों, उन पर हमें चर्चा करने की इजाजत नहीं है।”

इसके बाद भाजपा सदस्य भड़क गए और अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंचकर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और विधानसभा की कार्यवाही बाधित कर दी।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी सदन में मौजूद थे और कांग्रेस के उनके साथी सदस्यों ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बेंच पर खड़े हो गए और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। आखिरकार सदन अध्यक्ष बुटैल को कार्यवाही बंद करनी पड़ी।

इसके बाद जब फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो मुख्यमंत्री चले गए थे, लेकिन भाजपा सदस्यों ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में ही मुद्दे पर चर्चा की मांग की और सदन के वेल में चले गए और नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही फिर से बाधित हो गई।

सदन अध्यक्ष द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने नारेबाजी जारी रखी। इस शोर-शराबे के बीच ही बुटैल ने कार्यवाही शुरू का आदेश दिया। लेकिन कुछ ही मिनट के बाद उन्हें दिन भर के लिए सदन को भंग करना पड़ा।

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