CM नीतीश को फेल बताने वाले लालू के MP से जवाब तलब

मुख्यमंत्री नीतीशपटना: राज्य में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बार-बार आलोचना करने वाले लोकसभा सदस्य मोहम्मद तस्लीमुद्दीन को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। यह जानकारी पार्टी के पदाधिकारियों ने दी।

मुख्यमंत्री नीतीश को बताया था फेल

तस्लीमुद्दीन ने कहा था कि उनकी पार्टी को जनता दल युनाइटेड (जदयू) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन से निकल जाना जाना चाहिए। इस आशय का बयान देने के एक दिन बाद राजद ने नोटिस जारी कर उनसे दस दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। पार्टी ने तस्लीमुद्दीन से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए?

राजद ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश और उनके नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना वाले तस्लीमुद्दीन के बयान से सिर्फ भाजपा को फायदा हुआ है।”

बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने तस्लीमुद्दीन के बयान का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, “वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए। यह पार्टी नेतृत्व पर है कि वह कार्रवाई करता है या नहीं।”

विवादास्पद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन ने शनिवार को कहा था, “महागठबंधन का कोई औचित्य नहीं है। राजद को इसे तोड़ देना चाहिए। मैं भी व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि यह गठबंधन टूट जाए, लेकिन अंतिम फैसला तो राजद प्रमुख लालू यादव को करना है।”

अररिया से लोकसभा सांसद तस्लीमुद्दीन ने कहा था कि वास्तव में राज्य में ‘जंगलराज’ है और अपराध जिस तरह बढ़ रहे हैं, वे पहले कभी नहीं हुए।

राजद सांसद ने यह भी कहा था, “कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना नीतीश कुमार का दायित्व है। अगर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरी तो मैं आंदोलन करूंगा।”

उन्होंने एक कदम और बढ़कर कहा था कि मुख्यमंत्री तो छोड़ दीजिए, नीतीश गांव के मुखिया होने लायक भी नहीं हैं। राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए तस्लीमुद्दीन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश से इस्तीफे की मांग की थी।

पहले राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रभुनाथ सिंह ने भी नीतीश को आड़े हाथ लिया था। प्रभुनाथ सिंह ने कहा था, “शहाबुद्दीन (सजायाफ्ता बाहुबली राजद नेता) जेल में जनता दरबार लगा रहे थे, तो यह केवल सरकार की प्रशासनिक कमजोरियां दर्शाता है। अगर दरबार का आयोजन नियमित रूप से हो रहा था तो अधिकारी लोग क्या कर रहे थे?”

वहीं, जद(यू) के नेताओं ने भी राजद के नेताओं पर जवाबी हमले किए और मांग की कि लालू प्रसाद को तस्लीमुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह पर शिकंजा कसना चाहिए।

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