मुख्यमंत्री के सख्त तेबर, शराब कांड में मुख्य आरोपितों को जल्द करें अरेस्ट…

उत्तराखंड। रविवार को मुंबई से लौटने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जहरीली शराब कांड के मसले पर गृह, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों को तलब किया। साथ ही मंत्री ने आगे की कार्रवाई और जानकारी की समीक्षा की। इस बात का भी ऐलान किया कि अगर अबैध शराब पर अंकुश लगाने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत आ रही हो तो आबकारी एक्ट में संशोधन की जरूरत हो तो तुरंत ही प्रस्ताव तैयार किया जाए।

मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्य आरोपित को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। वह आदमी चाहे धरती पर हो, आसमान में अथवा पाताल में, हर हाल में पकड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर सख्त नाराजगी जताई कि शहर के बीचों बीच इतना सबकुछ चल रहा हो और हमारी एजेंसियों को पता तक न चले, यह कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की गहराई से हर पहलू की बारीकी से जांच की जाए और जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

वहीं मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी को अभियान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि इसमें जिन लोगों की मिलीभगत हो उन्हें पकड़कर सख्त से सख्त एक्शन लिया जाए। उन्होंने कहा कि अवैध शराब के धंधे में लिप्त तत्वों के खिलाफ कार्रवाई को और सख्त करने के लिए आबकारी एक्ट में किसी प्रकार के संशोधन की जरूरत हो तो उसका प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि अवैध शराब और नशे के कारोबार को रोकने में आमजन का भी सहयोग लिया जाए।

बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, सचिव नितेश झा, आइजी गढ़वाल रेंज अजय रौतेला, आबकारी आयुक्त सुशील कुमार, डीएम देहरादून सी.रविशंकर व एसएसपी अरुण मोहन जोशी मौजूद थे।

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जहरीली शराब कांड से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रविवार को भी पुलिस ने ताबड़तोड़ छापे मारे। शराब की तस्करी में संलिप्त भाजपा नेता की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस जुटी हुई है। इस बीच पूरे प्रकरण का पर्दाफाश करने के लिए लोगों के बयान लेने की प्रक्रिया भी चलती रही।

पथरियापीर इलाके में जहरीली शराब पीने से शुक्रवार को हुई छह लोगों की मौत के बाद से पुलिस और आबकारी विभाग में हड़कंप की स्थिति है। जबकि प्रभावित क्षेत्र में मातम का माहौल और सन्नाटा पसरा हुआ है। कभी कोई नेता या पुलिस बस्ती में पहुंचती है तो लोग शिकायतों का अंबार लगा दे रहे हैं। सबकी बस एक ही शिकायत है कि आखिर सब कुछ जानते हुए भी सरकारी तंत्र अवैध शराब की तस्करी को क्यों नहीं रोक पाया। वहीं रविवार को भी पथरियापीर में पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस शराब के अड्डों के बारे में लोगों से जानकारी जुटा रही है।

उधर क्षेत्र में अवैध शराब की तस्करी में संलिप्त बताए गए भाजपा करनपुर मंडल के उपाध्यक्ष अजय सोनकर उर्फ घोंचू और राजा नेगी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उनके संभावित ठिकानों पर छापे मारे। दोनों घर से फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस लगातार मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं की पड़ताल में जुटी है। एसएसपी अरुण मोहन जोशी खुद मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। मामले की जांच कर रहे एसपी देहात परमेंद्र डोबाल ने बताया कि लोगों के बयान लिए जा रहे हैं।

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बुजुर्ग की मौत, नहीं कराया पोस्टमार्टम 
पथरियापीर नेशविला रोड निवासी गुरुदीन (65) पुत्र रमा देवा ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती थे। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। शराब पीने से मौत होने के शक में पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने को कहा तो परिजनों ने इंकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि गुरुदीन ने आठ दिन से शराब नहीं पी थी। बीमारी के चलते उनकी मौत हुई है। इस संबंध में पुलिस कहना है कि इलाके में रोजाना किसी न किसी की मौत होना संदेह उत्पन्न करता है, इसलिए गुरुदीन का पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा गया था लेकिन परिजनों ने इंकार कर दिया।

चार और दुकानों की शराब के सैंपलों की रिपोर्ट सामान्य 

शराब की चार दुकानों से लिए गए सैंपलों की जांच में मिलावट नहीं मिली है। पथरिया पीर की घटना के बाद अब तक पांच दुकानों और डिस्टलरी के तीन सैंपलों की जांच रिपोर्ट सामान्य आई है। जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय ने बताया कि रविवार को करनपुर, बल्लुपुर, कांवली रोड और धर्मपुर की देसी मदिरा दुकानों के सैंपल की रिपोर्ट सामान्य आई है। उन्होंने बताया कि अभी 29 सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है। रविवार को उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर इस रिपोर्ट को सामने रखा।

इधर, रविवार को भी जिले के देसी मदिरा के सभी 27 ठेके बंद रहे। ऐसे में ठेकेदारों में इस निर्णय को लेकर खासा रोष है। ठेके बंद रहने से विभाग और ठेेकेदार दोनों को ही राजस्व की हानि हो रही है। अभी तक ठेके खोलने को लेकर कोई चर्चा विभाग या मुख्यालय में नहीं हुई है। बता दें कि इस प्रकरण में आबकारी के एक निरीक्षक, दो दारोगाओं, दो प्रधान सिपाहियों और तीन सिपाहियों को निलंबित किया जा चुका है।

 

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