मिलिए बिहार की पहली मुस्ल‍िम महिला DSP से, पिता की मौत के बाद भी नहीं मानी हार

बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के नतीजे हाल में ही घोषित किए गए हैं। जिसमें मुस्लिम समाज से आने वाली रजिया सुल्तान ने इतिहास रच दिया है। रजिया ने यह कारनामा बीपीएससी परीक्षा की अपनी पहली कोशिश में ही कर दिखाया। दरअसल, बीपीएससी की परीक्षा में कुल 40 अभ्यर्थियों का डीएसपी के रूप में चयन किया गया है जिसमें से 4 मुस्लिम है। इन्हीं चार मुस्लिम अभ्यर्थियों में से एक रजिया सुल्तान भी है। वह अब राज्य की पहली मुस्ल‍िम महिला DSP बनने जा रही हैं।

Razia Sultana DSP: Bihar's first Muslim girl who became DSP, will leave  government job and choose Khaki - The Post Reader

आज तक में छपी खबर के मुताबिक रजिया सुल्तान ने बताया कि वह मूलतः बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ की रहने वाली है। मगर उनकी प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई झारखंड के बोकारो में हुई जहां उनके पिता मोहम्मद असलम अंसारी बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर के रूप में काम किया करते थे। साल 2016 में उनके पिता का इंतकाल हो गया था।

Razia Sultana DSP : बिहार की पहली मुस्लिम लड़की जो बनीं डीएसपी, सरकारी  नौकरी छोड़ खाकी चुनेगी रजिया सुल्ताना | Razia Sultana became the first  Muslim woman DSP of Bihar Police After

रजिया ने बताया कि छह बहनों और एक भाई में वह सबसे छोटी है। उनकी पांच बहनों की शादी हो चुकी है और उसका भाई एमबीए करने के बाद झांसी में नौकरी कर रहा है। रजिया के मुताबिक साल 2009 में बोकारो से 10वीं और फिर 2011 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद वह जोधपुर चली गई जहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

रजिया ने बताया कि बचपन से ही वह लोक सेवा आयोग में नौकरी करने का सपना देख रही थी। इस चाहत को उन्होंने कभी समाप्त नहीं होने दिया। फिर साल 2017 में बिहार सरकार में बिजली विभाग में नौकरी शुरू करने के बाद भी वह इस दौरान बीपीएससी की तैयारी करती रही। 2018 में रजिया ने बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दी और फिर 2019 में मेंस परीक्षा में पास किया। इसके बाद इंटरव्यू में उन्होंने अपने झंडे गाड़े और फिर इस साल घोषित नतीजों में डीएसपी के पद पर उनका चयन किया गया है।

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