झारखंड के इस स्‍कूल में मिड डे मिल नहीं, चूहे और खरगोश खाते है बच्‍चे

मिड डे मिलसाहेबगंज। देश भर में बच्‍चों को कुपोषण से बचाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं। वही झारखंड के साहेबगंज के चुआं उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मिड डे मिल नहीं मिलने से बच्चे चूहे व खरगोश खाने को मजबूर है। एक निजी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों को मिड डे नहीं मिल रहा है, जिसके कारण यह स्थिति बनी है।बताया जा रहा है कि स्कूल में 60 से 70 छात्र नियमित रूप से आते थे लेकिन शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति की वजह से छात्रों को मिड डे मिल के तहत खाद्य पदार्थ नहीं मिल पा रहा है।

इस मामले में खाद्य व आपूर्ति मंत्री सरयू राय से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मिड डे मिल को लेकर चल रहे नियमों के तहत हर गांव में स्थानीय लोगों की कमेटी बनायी गयी है।प्रत्येक स्कूल में मातृ समिति मिड डे मिल का संचालन करती है।उनके अकाउंट में हर महीने पैसा जमा कर दिया जाता है।बताया जा रहा है कि झारखंड में 5 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।इससे पहले भी झारखंड में बच्चों के कुपोषण का मु्द्दा उठ चुका है।

स्‍थानीय गांववालों के मुताबिक कई बच्चे भोजन के लिए चूहे व खरगोश को पकड़कर लाते हैं, जिसे खाने के बाद कई बार वे संक्रमण की गिरफ्त में आ जाते हैं। मालूम हो कि साहेबगंज जिले की 86 प्रतिशत ग्रामीण आबादी बीपीएल की श्रेणी में आती है। दुनिया में कुल कुपोषण की मार झेल रहे बच्‍चों में से 30 फीसदी भारत में हैं।

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