
नई दिल्ली। हिंद महासागर व पश्चिमी प्रशांत महासागर में मालाबार नौसेना अभ्यास चल रहा है जिस पर चीन ने अपनी नजरें टेढ़ी कर ली हैं। चीन का दावा है कि उसको निशाना बनाकर ही ये अभ्यास किया जा रहा है।
इसमें भारत और अमेरिका के साथ जापान की नौसेना भी हिस्सा ले रही है। मंगलवार के चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के हवाले से खबर प्रकाशित की गई है कि इसका उद्देश्य पूर्व एवं दक्षिण चीन सागर में चीन की पनडुब्बी गतिविधियों को निशाना बनाना है। साथ ही एशिया प्रशांत महासागर में दोबारा से संतुलन स्थापित करने की अमेरिका की रणनीति का समर्थन करने के लिए यह नौसैनिक अभ्यास किया जा रहा है।
1992 में हुई थी शुरुआत
भारत और अमेरिका ने 1992 में हिंद महासागर में मालाबार नौसेना अभ्यास की शुरुआत की थी बाद में जापान भी 2007 में इस अभ्यास में शामिल हो गया था। तब से यह अभ्यास हिंद महासागर से बढ़कर पश्चिमी प्रशांत महासागर में भी होने लगा।
अमेरिकी रणनीति के तहत हो रहा अभ्यास
चीनी अखबार का कहना है कि अमेरिका रणनीति के तहत इस अभ्यास का आयोजन कर रहा है। वह भारत और जापान को साथ लाकर एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।
अखबार ने अमेरिका के सातवें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल जोसेफ पी ऑकोइन की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि भारत, जापान और अमेरिका के बीच अगले चरण का मालाबार नौसेना अभ्यास पनडुब्बी रोधी युद्धक (एंटी-सबमरीन वारफेयर) पर केंद्रित होगा।
अमेरिका दक्षिणी चीन सागर से चीन का ध्यान भटकाने के लिए यह अभ्यास कर रहा है। इस अभ्यास से अमेरिका पूर्वी चीन सागर में शांति भंग करना चाहता है जिससे चीन कमजोर हो सके।
अखबार ने बताया कि गत जून में भी तीनों देशों ने सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास किया था। जिसमें 11 जलपोत और आठ हजार नौसैनिक शामिल थे।