विधान भवन घेरने जा रहीं महिलाओं से पुलिस भिड़ी

महिलाओंलखनऊ । उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीड़न की बढ़ रही घटनाओं के विरोध में शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं व छात्राओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई। परिवर्तन चौक से पैदल मार्च कर विधान भवन घेरने का रहीं महिलाओं को पुलिस ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इस दौरान उनकी पुलिस से तीखी झड़प भी हुई। काफी देर गहमागहमी के बाद में पुलिस ने सभी को लाठी फटकार कर खदेड़ दिया।

महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को रोकने में पुलिस नाकाम है

छात्राओं ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को संबोधित 25 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

एबीवीपी की केंद्रीय कार्यसमिति की सदस्य अंजलि चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में असमर्थ है। हाल ही में बुलंदशहर हाईवे पर हुई मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसके बावजूद सरकार महिला उत्पीड़न पर अंकुश लगाने में नाकाम है।

वहीं छात्रसंघ सचिव रेनू गुप्ता ने कहा कि पुलिस महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को रोकने में नाकाम है। प्रदर्शन में आयुषी, पंडित सोमी और ऋतु चौधरी भी शामिल रहीं।

ज्ञापन में ये मांगें की गई हैं :-

  •  मोबाइल पैनिक बटन योजना राज्य सरकार द्वारा भी लागू की जाए।
  •  सभी हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  •  विद्यालयों व महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से आत्मरक्षा शिविर लगाया जाएं।
  • रेलवे स्टेशन पर या अन्य भीड़- भाड़ वाले इलाकों में महिला पुलिस की संख्या बढ़ाई जाए।
  •  महिला पुलिसकर्मियों को वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराया जाए।
  •  महिला उत्पीड़न की घटनाओं का निस्तारण फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर किया जाए।
  • दुष्कर्म के दोष सिद्ध होने पर अपराधियों को कोर्ट द्वारा फांसी या आजीवन कारावास हो।
  • महिला तस्करी जैसे अपराधों पर त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को कठोर सजा दी जाए।
  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए शराब एवं अन्य नशीले पदार्थ राज्य में पूरी तरह बंद किए जाए।
  •  काम करने वाले स्थानों लिंग संवेदीकरण अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
  •  दुष्कर्म और हत्या जैसे अपराधों की जांच मानवाधिकार आयोग बनाकर की जाए।
  • अश्लील वेबसाइटों को तत्काल बंद किया जाए।
  • महिला उत्थान एवं सुरक्षा के लिए विशेष सरकारी नीतियां राज्य में बनाई जाए।
  •  पुलिस प्रशासन ऐसी घटनाओं पर संवेदनशील होकर प्राथमिकता के तौर पर कार्रवाई करे।
  • राज्य सरकार द्वारा महिला संबंधी घटनाओं के ध्यान में रखकर एक समूह बनाया जाए जो हर माह सरकार के सामने महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर रिपोर्ट पेश कर उस पर कार्रवाई करे।
  • प्रदेश सरकार पार्टीगत राजनीतिक से ऊपर उठकर किसी भी संवेदनशील मामले पर नकारात्मक टिप्पणियों पर रोक लगाए।
  • राज्य सरकार द्वारा 24 घंटे के सभी जिला प्रशासन को हेल्पलाइन नंबर चालू रखने आदेश दे, ताकि उन पर सही ढंग से निरंतर बना रहे।
  • विद्यालय और महाविद्यालयों में वूमेन डेवलपमेंट की स्थापना की जाए।
  • छात्राओं के विद्यालय आने- जाने के लिए महिला बस की व्यवस्था सरकार द्वारा सभी जिलों में की जाए।
  •  जिला मुख्यालयों पर छात्राओं को सरकारी महिला छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
  •  तहसील केंद्रों पर ग्रामीण छात्राओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाए।
  • अनुसूचित जाति की छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं परास्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाए।
  • सभी छात्राओं के आधार कार्ड विद्यालयों में ही बनने की व्यवस्था की जाए।
  •  महिला कॉलेज के बाहर 200 मीटर की दूरी पर महिला पुलिस की व्यवस्था की जाए।
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