महबूबा मफ्ती के खिलाफ उत्तर प्रदेश के जौनपुर में दर्ज हुआ राजद्रोह का मुकदमा, कहा था….

पीडीपी नेता एवं जम्मू काश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। यह सब मामला मेहबूबा मुफ्ती के एक अमर्यादित बयान के कारण हुआ है। सूत्रों के अनुसार महबूबा मुफ्ती ने अपने एक बयान में राष्ट्रध्वज तिरंगा को लेकर अमर्यादित तिप्पणी की थी। जिसके कारण उत्तर प्रदेश के जौनपुर में उनके खिलाफ राज द्रोह का मुकदमा दायर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को जौनपुर के एक अधिवक्ता और प्रभारी जेएम द्वितीय नीरज की आतालत में मुकदमें को अंजाम दिया था। मुकदमें के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख दी है।

कुछ आधिकारिक सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ‘दीवानी न्यायलय के अधिवक्ता ने अदालत में निवेदन किया है कि वादी को देश के संविधान के प्रति गहरी आस्थ व श्रद्धा है। जब देश से अनुच्छेद 370 को हटाया गया था तब हमारे पूरे देश में खुशी थी कि इसके बाद से एक देश और एक तिरंगा रह सकेगा। हमे इस बात पर काफी गर्व हुआ था।’ बतादें कि महबूबा मुफ्ती ने 23 अक्टूबर को पत्रकारों से बात-चीत के दौरान उन्होंने कहा था कि जब तक अनिच्छेद 370 दोवारा नही लागू किया जाएगा तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

हमारे ध्वज को लूट लिया गया है जिसे अभी तक लौटाया नही गया है। साथ ही महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वे और कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। इनके इसी राजद्रोहात्मक भाषण के कारण यह मामला तैयार हुआ है। कठित अधिवक्ता को इस बात की सूचना मीडिया द्वारा मिली जिसके बाद उसने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। बतादें कि कठित अधिवक्ता ने महबूबा मुफ्ती के इन तीखे बोल को सुनने के बाद बेहद कष्ट पहुंचा।

साथ ही महबूबा मुफ्ती पर देश को भड़काने, देश को कमजोर, सरकार के प्रति घृणा, अपमान, विभिन्न वर्गों में फूटन और राजद्रोह का आरोप लगा है। जिसके कारण जौनपुर के अधिवक्ता ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही न्यायलय से विवेचना के आदेश की मांग की। ताकि देश की आन, एकता, संप्रभुता व अखंडता पर कोई आंच ना आ सके। बताया जा रहा है कि इसने सब के बावजूद भी महबूबा मुफ्ती ने किसी भी प्रकार की माफी नही मांगू है। जिससे उनका कत्तरपन जाहिर हो जाता है।

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