मस्जिद निर्माण के लिए मिली जमीन पर नहीं होगा बाबर का नमो निशान : इकबाल अंसारी

 अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर की नीव रखे जाने के बाद अब मस्जिद की नीव के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 5 एकड़ जमीन अपने कब्ज़े में ले ली है और उस पर मेड़बंदी का काम भी शुरू हो गया है। हदबंदी के बाद यहां मस्जिद बनाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसी बीच बाबरी मस्जिद के फरीक रह चुके इकबाल अंसारी ने मस्जिद और मस्जिद अहाते में बनने वाली दूसरी इमारतों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बार धन्नीपुर की मस्जिद में बनने वाली किसी भी इमारत में बाबर का नाम नहीं होना चाहिए क्योंकि हमारा बाबर से कोई लेना-देना नहीं है। 

इकबाल अंसारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली धन्नीपुर की 5 एकड़ ज़मीन में बनने वाली मस्जिद, स्कूल, अस्पताल या किसी भी इदारे के नाम में बाबर को न जोड़कर हिंदुस्तानी मुस्लिम अज़ीम शख्सियतों के नाम पर इनका नाम रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये इदारे उनके नाम से जानी जाएं, जिन्होंने मुल्क के लिए कुर्बानी दी। इदारों का नाम एपीजे अब्दुलकलाम, अब्दुल कलाम आज़ाद, अशफाक उल्ला खां, वीर अब्दुल हमीद के नाम से हों क्योंकि ये हिंदुस्तान का फख्र हैं। बाबर के नाम से मस्जिद या किसी संस्था का नाम नहीं जुड़ा हो क्योंकि बाबर से हमारा कोई रिश्ता ही नहीं है।  

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने धन्नीपुर में बनने वाले मस्जिद के लिए 15 रुक्नी ट्रस्ट बनाया है लेकिन इस ट्रस्ट में अयोध्या के किसी भी शख्स का नाम नहीं है। जिसको लेकर मुस्लिम फरीक काफी मायूस भी हैं। इस मामले में फरीक रहे इकबाल अंसारी और हाजी महबूब इस बात को कह चुके हैं कि ट्रस्ट बनाने में नहीं उनसे कोई बात हुई है न ही वे लोग इसमें शामिल होना चाहते हैं।

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