मरे हुए इंसान को जिंदा करने का हुनर कैद है इस वैज्ञानिक के दिमाग में, लेकिन हो गया कुछ ऐसा…
इंसान को दोबारा जीवन की उम्मीद देने वाले रूसी वैज्ञानिक डॉ. यूरी पिचुगिन (67) का दिमाग फ्रीज कर दिया गया है। डॉ. यूरी का दिमाग उन्हीं की ईजाद की हुई तकनीक के जरिए माइनस 196 डिग्री सेल्सिय तापमान पर फ्रीज कर दिया गया, ताकि भविष्य में दोबारा इस्तेमाल किया जा सके।
डॉ. यूरी ने फ्रैंकेस्टाइन तकनीक की खोज की थी। इसके जरिए मृत लोगों के दिमाग को खास रसायन में रखकर फ्रीज किया जाता है। इसे क्रायो-प्रिजर्वेशन कहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में ऐसे दिमाग दोबारा इस्तेमाल में हने वाले उनके बेटे को इस बात की जानकारी है और उन्होंने ही ऐसा करने की इजाजत दी।
डॉ. यूरी की तकनीक के आधार पर वैज्ञानिक दावा करते हैं कि अत्यधिक ठंडे तापमान में रखे गए दिमाग का इस्तेमाल कुछ दशकों या शताब्दियों बाद किया जा सकता है। भविष्य में विज्ञान की तरक्की के बाद इस दिमाग का इस्तेमाल किसी अन्य शरीर में भी किया जा सकता है। जिस वेयर हाउस में डॉ. यूरी का दिमाग रखा गया है, वहां 66 अन्य लोगों के दिमाग क्रायो-प्रिजर्वेशन तकनीक से रखे गए हैं। इनके अलावा 32 पालतू पशुओं के दिमाग को भी प्रिजर्व किया गया है।