ममता बनर्जी के कड़वे बोल, बोलीं- ‘गेरुआ कपड़ा पहन बैठे हैं हत्यारे, 1 वोट मत देना’

चुनाव: रामनवमी के मौके पर शनिवार को पश्चिम बंगाल में धर्म और धार्मिक प्रतीकों के नाम पर खूब राजनीति हुई. सीएम ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में चुनावी रैली के दौरान बीजेपी पर बरसती नजर आईं|

ममता बनर्जी ने बीजेपी और संघ पर हमला करते हुए कहा कि गेरुआ लिबास पहनकर हत्यारे बैठे हैं| इधर रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष खड़गपुर में तलवार लहराते नजर आए|

इस बाबत जब दिलीप घोष से पूछा गया कि क्या ये आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है? इस पर उन्होंने कहा कि अगर हाथ में हथियार रखना भड़काना है तब तो सेना से भी हथियार ले लेना चाहिए|

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार जोरों पर है| यहां 18 अप्रैल को लोकसभा की 3 सीटों पर मतदान है| शनिवार को सिलीगुड़ी में एक चुनावी सभा में ममता बनर्जी ने बीजेपी को निशाने पर लिया| ममता बनर्जी ने बीजेपी और संघ पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग गेरुआ कपड़ों में हत्यारे हैं|

ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव में उन्हें जीरो से ज्यादा कुछ नहीं मिलने वाला है| उन्होंने कहा कि वे बीजेपी नेताओं को चुनौती देती हैं कि वे एक भी मंत्री पढ़कर दिखाएं, देखिए उनका क्या हाल होता है|

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ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी को पूरे देश में बीजेपी को 100 से ज्यादा सीटें नहीं मिलने वाली हैं| ममता बनर्जी ने लोगों को नोटबंदी की याद दिलाते हुए कहा कि हम नोटबंदी नहीं भूले हैं, हम जीएसटी नहीं भूले हैं| ममता ने कहा कि याद रखिए मोदी और उसकी पार्टी को एक भी वोट नहीं जाने दीजिए|

ममता सिलीगुड़ी में गरज रहीं थी तो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष खड़गपुर में रामनवमी से जुड़े एक कार्यक्रम में मौजूद थे| यहां पर उन्होंने हाथ में तलवार लेकर लहराया| मेदिनीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे दिलीप घोष ने जब पूछा गया कि क्या ये आचार संहिता को उल्लंघन नहीं हो सकता है? इस पर उन्होंने हैरान करने वाला जवाब दिया|

दिलीप घोष ने कहा, “यदि हाथ में हथियार लेना भड़काना है तो सेना से हथियार ले लेना चाहिए, साथ ही दुर्गा और मां काली से भी हथियार ले लो, जो लो ऐसा बयान देते हैं वो कुछ नहीं बस डरपोक है, हमनें खड़गपुर को गुंडों से मुक्त करने के लिए हथियार उठाया है|”

दिलीप घोष ने कहा कि चुनाव को रामनवमी के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए| उन्होंने कहा, “चुनाव आते हैं और जाते हैं, ये हमारी प्रथा है, चुनाव आते-जाते रहते हैं लेकिन भगवान राम तो हमेशा के लिए रहने वाले हैं| यदि कोई मुझे अस्त्र दान के रूप में हथियार देता हैं तो मुझे उसे स्वीकार करना ही पड़ेगा, ऐसा नहीं होगा कि मैं रसगुल्ला तो ले लूंगा, लेकिन हथियार नहीं लूंगा|”

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