भूमि पूजन के दौरान अगर यह नहीं किया तो… जानें जरूरी बात

किसी भी जगह पर नया ऑफिस या घर बनने से पहले भूमि पूजन करवाया जाता है। इसके बाद ही नींव रखी जाती है। भूमि पूजन के समय चांदी के नाग और कलश की पूजा की जाती है। ऐसा आपने कई बार देखा होगा लेकिन क्या आपको को इसका कारण भी पता है। अगर नहीं पता तो जान लीजिए।

भूमि पूजन

वास्तुशास्‍त्र के अनुसार भूमि के नीचे पाताल लोक है, जिसके स्वामी भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग हैं। इन्होंने ही अपने फन पर पृथ्वी को उठाकर रखा है। भूमि पूजन के समय नींव में चांदी के सांप की पूजा का उद्देश्य शेषनाग की कृपा पाना होता है।

नींव में सांप को रखकर यह माना जाता है कि जिस प्रकार शेषनाग ने पृथ्वी को संभालकर रखा है। उसी प्रकार शेष नाग उनके घर या ऑफिस को भी संभलकर रखें।

घर या ऑफिस मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ होगा।

शास्त्रों के अनुसार, शेषनाग क्षीर सागर में रहते हैं, इसलिए कलश में दूध, दही, घी डालकर शेषनाग का आह्वान मंत्रों द्वारा कलश में किया जाता है ताकि शेषनाग भगवान का आशीर्वाद मिले।

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कलश में सिक्का और सुपारी डालकर यह माना जाता है कि लक्ष्मी और गणेश की कृपा प्राप्त होगी।

कलश को ब्रह्माण्ड का प्रतीक और विष्णु का स्वरुप मानकर उनसे प्रार्थना की जाती है कि देवी लक्ष्मी सहित इस भूमि में विराजमान रहें और शेषनाग भूमि पर बने घर को हमेशा सहारा देते रहें।

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