भावुक हुए शिवराज सिंह, कहा- मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार हूं, कांग्रेस पूरे करे वादे

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव हार की जिम्मेदारी को अपने ऊपर लेते हुए शिवराज सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस को नसीहत दी की जनता से किए गए वादों को पूरा करें। इसके साथ ही शिवराज ने यह भी कहा कि वह मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। शिवराज ने इस दौरान दावा किया कि 2019 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनेगी।


बता दें कि मध्य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी है। बुधवार को कांग्रेस की तरफ से सरकार बनाने का दावा पेश किया गया। इससे पहले लगातार शिवराज ने पूर्ण बहुमत से चुनाव जीता है। कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए बीएसपी और एसपी ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है।

शिवराज ने भावुक अंदाज में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘7.5 करोड़ मध्य प्रदेशवासी मेरे परिवार के सदस्य हैं, उनका सुख मेरा सुख व उनका दुख मेरा दुख है। मैंने पूर्ण क्षमता के साथ अपनी टीम के साथ मिल कर प्रदेश का विकास और जनता का कल्याण करने की कोशिश की है, किसी भी प्रकार की कसर कहीं नहीं छोड़ी। जाने-अनजाने मेरे किसी काम से, मेरे शब्दों, मेरे किसी भाव से साढ़े 7 करोड़ मेरे मध्य प्रदेश के भाई-बहनों के मन को कोई कष्ट हुआ तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं।’

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इस्तीफे के बाद पहली प्रेस वार्ता में चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जनता की भलाई के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश रही कि प्रदेश का विकास हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनता के विकास की योजनाएं कांग्रेस जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और मेरी चौकीदारी आज से शुरू हो गई है।

शिवराज ने कांग्रेस को अपने वादों को पूरा करने की नसीहत देते हुए कहा, ‘नई सरकार बनाने वाली पार्टी अपने वचनपत्र के मुताबिक 10 दिनों में प्रदेश के किसान भाइयों का कर्ज माफ करे। उन्होंने वादा किया है कि ऐसा न करने पर वे अपना मुख्यमंत्री बदल देंगे।’

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शिवराज ने हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए कहा, ‘2008 में हमको 38 फीसदी वोट मिले थे और सीट मिली थीं 143। इस बार वोट 40 फीसदी मिले हैं, सीट मिली हैं 109। जनादेश का अंकगणित कई बार कुछ और होता है। पहले से भी ज्यादा जनादेश प्राप्त कर लें, तो सफलता दिखाई नहीं देती। लेकिन यह बात सच है कि हम बहुमत हासिल नहीं कर पाए। अपेक्षित सफलता भी हासिल नहीं कर पाए। उसके लिए कोई जिम्मेदार है तो शिवराज सिंह चौहान ही है।’

शिवराज ने कहा, ‘विपक्ष भी मजबूत है, हमारे पास 109 विधायक हैं। हमारी अब विपक्ष की भूमिका है, जिसे हम सशक्त और रचनात्मक रूप से निभाएंगे और प्रदेश के चौकीदार की तरह निगरानी रखेंगे।’

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