भारत सरकार ने बदला कश्मीर का इतिहास , गिरीश चंद्र मुर्मू को बनाया गया उपराज्यपाल…

भारत सरकार द्वारा जम्मू – कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर के हालात सुधरे हुए नज़र आ रहे हैं. वहीं अब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है.

 

बतादें की गुजरात कैडर के IAS अफसर रहे गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली. गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने LG पद की शपथ दिलाई हैं.वहीं 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था, साथ ही जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था.

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जहां लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. गिरीश चंद्र मुर्मू से पहले आरके माथुर ने लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद दोनों राज्यों में संसद से पास होने वाले कानून सीधे तौर पर लागू होंगे. हालांकि, दोनों राज्यों में काफी अंतर रहेगा. एक तरफ जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, वहीं लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.

जानिए जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल-

दरअसल जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर हैं. जहां गिरीश चंद्र मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में माने जाते हैं. गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके प्रमुख सचिव रह चुके हैं. लेकिन एक मार्च 2019 से वह वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे थे.

21 नवंबर 1959 को जन्मे मुर्मू ने ओडिशा के उत्कल विश्ववविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की पढ़ाई करने के साथ बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से एमबीए की भी डिग्री ली है. देखा जाये तो व्यय सचिव होने से पहले वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी थे.

गिरीश चंद्र मुर्मू ओडिशा के सुंदरगढ़ के रहने वाले हैं. उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से परास्नाकत की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघम से एमबीए की पढ़ाई की.

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