भारत सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक खत्म होने के बाद भी सबसे ज्यादा केस उत्तर प्रदेश में…
मुस्लिम महिलाओं के लिए भारत सरकार द्वारा तीन तालक बंद कराये जाने पर मामला और बिगड़त हुआ नज़रआ रहा हैं. देखा जाये तो भारत सरकार इस पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगा पा रही हैं.
खबरों के मुताबिक तीन तलाक के गैर कानूनी बनाने वाले सख्त कानून के बाद भी ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. बीते बजट सत्र में मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाला विधेयक तो पास करा दिया लेकिन तीन तलाक के मामलों में कमी आती नहीं दिख रही है.
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लेकिन अगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां के आगरा जोन में सबसे ज्यादा तीन तलाक के मामले सामने आए हैं. आगरा जोन के 8 जिलों में भी ताजनगरी थाने में तीन तलाक के सबसे अधिक केस दर्ज किए गए हैं.
इस जोन में कुल कानून बनने के बाद से 17 मामले दर्ज हुए जिनमें अकेले आगरा में ही 8 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं अलीगढ़ जिले में 3 मामले और मथुरा में 2 केस दर्ज हुए हैं. इस बारे में अगस्त के महीने की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के डीजीपी ऑफिस को भेजी गई है. आगरा में एक ऐसा मामला भी हुआ जिसमें शादी के डेढ़ घंटे बाद ही तलाक दे दिया गया. यह मामला आगरा के हरीपर्वत थाने में दर्ज हुआ है.
आगरा के ही ताजगंज थाने में एक ऐसा केस दर्ज है जिसमें शादी के 25 साल बाद तीन तलाक दिया गया. तीन तलाक पर कानून बनने के बाद आगरा जोन का पहला मुकदमा भी आगरा के ही मधुपुर थाना में दर्ज किया गया था. खास बात यह है कि आगरा जोन के 8 जिलों में कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां पर तलाक का एक भी मामला दर्ज ना हुआ हो. तीन तलाक के ऐसे ही अजीबो-गरीब मामलों के बाद इस पर पाबंदी की मांग पुरजोर तरीक से उठने लगी थी.
दरअसल एक अगस्त से 20 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश में 216 केस दर्ज किए गए जिनमें से सबसे ज्यादा केस उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में दर्ज हुए हैं. मेरठ में कुल दर्ज मामलों की संख्या 26 है.
वहीं सहारनपुर में 17 और शामली में 10 केस दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 10 मामले दर्ज किए गए हैं. एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और कासगंज में भी तीन तलाक का एक-एक केस दर्ज हुआ है.