महाशक्ति की बजाय विश्व गुरु बनेेगा भारत

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव’ और ‘इंडिया इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल-2016’ का गुरुवार को उद्धाटन करते हुए कहा कि भारत को महाशक्ति बनने की बजाय विश्व गुरु बनना चाहिए। इस मौके पर सिंह ने भारतीय वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान पर भी प्रकाश डाला। सिंह ने फ्रिटजोफ कापरा, कार्ल सगान और हाइजेनबर्ग आदि वैज्ञानिकों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हाइजेनबर्ग ने खुद स्वीकारा कि उन्हें रविंद्रनाथ टैगोर से बात करते समय ही अनिश्चितता के सिद्धांत का विचार आया।

भारत को महाशक्ति

भारत में वैज्ञानिक विकास की बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का उद्देश्य महाशक्ति बनने की बजाय विश्व गुरु बनने का होना चाहिए। वैज्ञानिक प्रकृति का विकास बिना सांस्कृतिक लोकाचार को बाधा पहुंचाए होना चाहिए।

उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ के नारे में ‘जन विज्ञान’ जोड़ते हुए ‘आम जनता के लिए विज्ञान’ की बात कही। सिंह ने कहा कि ई-कामर्स की जागरूकता इसी मकसद को हासिल करने के लिए फैलाई जा रही है।

इजरायल के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओफिर कुनिस ने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारत व इजरायल विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों पर जश्न मना रहे है। उन्होंने कहा कि मुश्किल चुनौतियों को खुले दिमाग और साहस से निपटा जा सकेगा।

इस मौके पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी व पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत वृद्धि और शोध में तेजी से प्रगति कर रहा है। विभाग और प्रधानमंत्री इन प्रयासों के पीछे मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने आयोजन को अद्वितीय बताते हुए आयोजन के लिए सीएसआईआर और विज्ञान प्रसार की सराहना की।

विज्ञान सत्र के चार दिवसीय सत्र में 14 विषयों, 162 मौखिक और करीब 1350 पोस्टर प्रस्तुत किए जाएंगे।

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ)-2016 का आयोजन संयुक्त रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व अर्थ विज्ञान मंत्रालय और विज्ञान भारती (विभा) ने किया है। इसका आयोजन राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) के परिसर में किया गया है।

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