भारतीय सेना का हाईकोर्ट को जवाब- पैलेट गन रोकी तो चलेंगी गोलियां

भारतीय सेनानई दिल्‍ली। भारतीय सेना ने जम्‍मू कश्‍मीर हाईकोर्ट से कहा है कि भीड़ पर नियंत्रण के उपाय के तौर पर अगर पैलेट बंदूक के इस्‍तेमाल पर रोक लगाई जाती है तो कठिन हालात में सेना को मजबूरन गोलियां चलानी पडेंगी। हाईकोर्ट को दिए एक हलफनामें में सीआरपीएफ ने यह बातें कहीं।

भारतीय सेना ने दिया जवाब

हलफनामें में सीआरपीएफ ने कहा कि उनके पास मौजूद विकल्‍पों में से अगर पैलेट गन के इस्‍तेमाल को रोक दिया जाता है तो कठिन परिस्थिति आने पर जवानों को राइफल से गोलियां चलानी पडेंगी। इससे और भी ज्‍यादा मौतें होने की आशंका है।

अर्द्धसैनिक बल का यह हलफनामा अदालत में दायर उस याचिका के जवाब में आया जिसमें घाटी में भीड़ नियंत्रण के उपाय के तौर पर पैलेट बंदूक के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की गई थी। बल का कहना है कि पैलेट बंदूक का इस्तेमाल साल 2010 में शुरू किया गया था और दंगा नियंत्रण का यह स्वीकार्य हथियार है।

साथ ही सीआरपीएफ ने यह भी बताया कि नौ जुलाई से 11 अगस्त के बीच घाटी में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान उसकी ओर से लगभग 3,500 पैलेट कारतूस चलाए गए। यह याचिका हाईकोर्ट के बार संघ ने 30 जुलाई को दायर की थी। सीआरपीएफ और बीएसएफ ने अपने जवाब दे दिए हैं लेकिन राज्य सरकार की ओर से अभी जवाब दाखिल नहीं किया गया है। मामले की सुनवाई शनिवार 20 अगस्त को होगी।

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