भारतीय दिग्गज साइंटिस्ट के बारे में जानें जिनके कार्य ने भारत को आगे बढ़ाया

ऐसे कई महान वैज्ञानिक आपको भारत में मिलेंगे, जिन्होंने भारत को आज इस मुकाम पर पहुंचने में अहम भूमिका निभाई है। अलग -अलग वैज्ञानिक अपनी महानता से अलग-अलग फील्ड से निखर कर हमारे समक्ष्य आये हैं। इनके काम की प्रशंसा आज भी दुनियाभर के लोग करते नहीं थकते।

  • भारत को बैलेस्टिक मिसाइल A.P.J अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम था। अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में उन्होंने ख़ास योगदान दिया। भारत को बैलेस्टिक मिसाइल और लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने के कारण ही एपीजे अब्दुल कलाम का नाम मिसाइल मैन पड़ा और देश की पहली मिसाइल कलाम की देख रेख में ही बनी। भारतीय विज्ञान की दुनिया में उन्होंने अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में काम किया और 2002 से 2007 तक भारत के 11 वें राष्ट्रपति रहे।
  • चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर,1888 को तिरुचिरापल्ली में हुआ। 1930 की बात करें तो प्रकाश के बिखराव पर इन्होने अपने काम के लिए फीजिक्स में नोबेल पुरस्कार जीता था। ये पहले एशियाई और पहले गैर-व्हाइट शख्स थे जिन्होंने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।
  • भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के पहले अध्यक्ष होमी जहांगीर भाभा का जन्म बॉम्बे में 30 अक्टूबर, 1909 में हुआ जिन्होंने क्वांटम थ्योरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रेट ब्रिटेन से परमाणु भौतिकी में अपना वैज्ञानिक कैरियर शुरू करने के बाद इन्होने परमाणु ऊर्जा आयोग के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • आचार्य जे.सी. बोस 30 नवंबर,1858 को बिकरामपुर, पश्चिम बंगाल में पैदा हुए। पॉलीमेट, भौतिक विज्ञानी, जीवविज्ञानी, वनस्पतिशास्त्रज्ञ और पुरातत्वविद् थे। पौधों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ साथ इन्होने रेडियो और माइक्रोवेव प्रकाशिकी के अध्ययन का बीड़ा उठाया। भारत में उप महाद्वीप में प्रयोगात्मक विज्ञान की नींव रखने वाले यही शख्स थे। आचार्य जे.सी. बोस पहले साइंटिस्ट थे जिन्होंने अर्धचालक जंक्शनों का उपयोग किया। इससे रेडियो संकेतों का पता लगाया गया।
  • 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु में पैदा हुए रामानुजम भारतीय गणितज्ञ और थे जिन्हें शुद्ध गणित में कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं था। उन्होंने गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धांत, अनंत श्रृंखला और निरंतर भिन्न अंशों में असाधारण योगदान दिया।
  • 6 अक्टूबर 1897 को ढाका, बांग्लादेश में पैदा हुए, मेघनाद साहा का सबसे प्रसिद्ध काम तत्वों के थर्मल इयनिसेशन से संबंधित है। इसे साहा समीकरण के रूप में जाना जाता है।
  • 19,1910 को लाहौर ब्रिटिश भारत में चन्द्रशेखर का जन्म हुआ। इन्हे 1983 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके गणितीय सिद्धांत के ब्लैक होल चन्द्रशेखर की सीमा उसके नाम पर है। वह सी.वी. रमण के भतीजे थे।
  • एसएन बोस क्वांटम यांत्रिकी में विशेषज्ञता वाले एक भारतीय भौतिक विज्ञानी थे जिनका जन्म 1 जनवरी 1894 को कलकत्ता में हुआ। कणों के बोसों के वर्ग में इन्होने अहम भूमिका निभाई। इस कार्य के चलते इन्हे सबसे ज्यादा याद किया जाता है।
  • वेंकटरामन विश्व स्तर पर प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक राधाकृष्णन का जन्म 18 मई,1929 को चेन्नई के उपनगर टोंड़रिपेट में हुआ था। ये रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य थे। उन्हें अल्ट्रालाइट विमान और सेलबोट्स के निर्माण के लिए भी जाना जाता था।
  • 15 सितंबर 1860 को पैदा हुए सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरा 1912 से 1918 के बीच विद्वान, राजनेता और मैसूर के दीवान थे। सर एम वी का मानना था कि भारत उद्योगों के माध्यम से विकसित हो सकता है।
  • भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है। विक्रम साराभाई गुजरात में अहमदाबाद शहर में 12 अगस्त 1919 को पैदा हुए थे। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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