भारतीय कबड्डी विश्व कप जीतना मेरे करियर का सबसे बड़ा दिन : दीपक हुड्डा

पंचकूला| भारतीय कबड्डी के बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक दीपक निवास हुड्डा 2016 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। भारत ने फाइनल में ईरान को मात देकर विश्व विजेता का तमगा हासिल किया था। दीपक ने खिताबी जीत के उस दिन को अपने करियर का सबसे बड़ा दिन बताया है।

25 वर्षीय हुड्डा ने 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों के दौरान भारतीय टीम में पदार्पण किया था। इससे पहले हालांकि उन्होंने प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेलना शुरू कर दिया था।

हुडडा पीकेएल के छठे सीजन में अभिषेक बच्चन की मालिकाना हक वाली टीम जयपुर पिंक पैंथर्स की ओर से खेल रहे हैं। उनकी टीम हालांकि प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। दीपक ने इस सीजन में 19 मैचों से अब तक 183 अंक हासिल किए हैं।

हुड्डा ने कबड्डी में अपने यादगार लम्हों को आईएएनएस के साथ साझा करते हुए कहा, ” हम 2016 में जब कबड्डी विश्व कप का फाइनल मैच जीते थे, तो वह मेरे करियर का सबसे यादगार दिन रहेगा। विश्व कप एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट होता है और इसे जीतना किसी भी टीम और खिलाड़ी के लिए सबसे यादगार होता है। मेरे लिए वैसा ही है।”

उन्होंने कहा, “उस समय हमारा फाइनल ईरान की एक ऐसी टीम के साथ था जो काफी मजबूत थी। इसके लिए हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना था और हमने ऐसा ही किया।”

हुड्ड पीकेएल के पहले और दूसरे सीजन में तेलुगू टाईटंस टीम का हिस्सा थे। इसके बाद तीसरे,चौथे और पांचवें सीजन में वह पुनेरी पल्टन के लिए खेले थे और अब छठे सीजन में जयपुर पिंक पैंथर्स की कप्तानी कर रहे हैं।

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कबड्डी में अब तक के अपने सफर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “सीजन दर सीजन मैंने अपने खेल में सुधार किया है। हर सीजन में मैं यही सोचता हूं कि अगले सीजन में मुझे इससे भी अच्छा करना है। लीग शुरू में हमारे लिए नई थी, लेकिन धीरे-धीरे हमें इसकी पूरी जानकारी हो गई। इसके साथ मैं भारतीय टीम के लिए भी खेलता हूं इसलिए मुझे काफी अनुभव हो गया है। मेरा एक ही लक्ष्य रहता है कि अच्छा खेलना है और लगातार निरंतर प्रदर्शन करते रहना है।”

उन्होंने इस सीजन में टीम के प्रदर्शन को लेकर कहा, “यह सीजन हमारे लिए काफी मुश्किल रहा क्योंकि इस सीजन में टीम का डिफेंस बिल्कुल भी नहीं चल पाया। इसके अलावा इस बार किसी रेडर का भी सपोर्ट नहीं मिल पाया। हालांकि पिछले कुछ मैचों से टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है।”

हु़ड्डा ने कहा कि इस सीजन से टीम को काफी कुछ सीखने को मिला है।

उन्होंने टीम के समक्ष चुनौतियों को लेकर कहा, “इस सीजन में हमारे कई मैच ऐसे रहे जहां हम अच्छी स्थिति में थे, लेकिन अंत में जाकर हार गए। यही कारण है कि इस बार डिफेंस का न चल पाना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती रहा। जिन मैचों में डिफेंस चला उसमें हमने जीत भी हासिल की।”

हुड्डा ने लीग शुरू होने के बाद कबडडी खेल में आए बदलावों पर बात करते हुए कहा, “कबडडी अब एक विश्व स्तरीय खेल बन चुका है। लेकिन लीग के शुरू होने के बाद तो अब इसका पूरा ग्राफ ही बदल गया है। एक खिलाड़ी को जितना सम्मान नेशनल लेवल पर मिलता है, उतना ही सम्मान यहां भी मिल रहा है।”

उन्होंने कहा, “आपको हर कोई अब जानने लगा है। इसके अलावा आपको पैसा भी बहुत मिल रहा है। जैसे क्रिकेट या अन्य लीगों में करोड़ों रुपये मिलते हैं वैसे ही यहां भी मिलता है। ये पैसे आपके पारिवारिक जीवन और आपके खुद के करियर को ठीक करने के लिए बहुत है। ये किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ी बात है।”

हुड्डा ने यहां तक पहुंचने का श्रेय अपने गुरू और दोस्त को दिया। उन्होंने कहा, “यहां तक पहुंचने के लिए कुछ खिलाड़ियों ने मेरा काफी सपोर्ट किया है और अजय ठाकुर भी उनमें से एक हैं। वह मेरे बड़े भाई और दोस्त की तरह हैं। इसके अलावा मेरे गुरू जगमाल सिंह और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोच जयबीर शर्मा ने मुझे काफी कुछ सिखाया है।”

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