भारतीयों की मांग फ्री में मिले N95 मास्क, सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए प्रयोग में आने वाले मास्क को लेकर एक सर्वे किया गया है। जिसमें कई तरह के दावे किए गए हैं। जो चौंकाने वाले हैं। सर्वे में सामने आया है कि हर तीन में एक भारतीय घर के बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग नहीं कर रहा है। जिससे जिससे वह जल्दी कोरोनो से संक्रमित हो रहे हैं।
ये सर्वे लोक लोकलसर्किल द्वारा किया गया है। जिसमें सामने आया है कि अमेरिका की तरह 67 प्रतिशत भारतीयों का मानना कि भारत सरकार को मुफ्त में एन95 मास्क देना चाहिए। सर्वे में इस सवाल पर 9,902 प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिसमें सामने आया कि सामुदायिक स्तर पर N95/KN95/FFP2 मास्क उपलब्ध कराए जाएं। बता दें कि अमेरिका में मास्क की अनिवार्यता को देखते हुए इसी तरह का अभियान शुरू किया गया है।
अमेरिका में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 400 मिलियन एन95 मास्क मुफ्त में उपलब्ध हैं। ऐसे में भारतीय भी चाहते हैं कि उन्हें सरकार द्वारा फ्री में मास्क उपलब्ध कराया जाए। मास्क को लेकर ये बात तब सामने आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करके मास्क की अनिवार्यता पर जोर दे रहे हैं। वहीं कई राज्य इसको लेकर जुर्माना भी बढ़ा रहे हैं।
एन-95 मास्क
कोरोना की तीसरी लहर के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से बचने के लिए एन-95 या केएन-95 मास्क ही उपयुक्त हैं। मानना है कि सर्जिकल मास्क कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सीमित सुरक्षा ही प्रदान करते हैं। वहीं सबसे खतरनाक कपड़े के मास्क होते हैं, जिनसे न के बराबर सुरक्षा हो पाती है।
क्यों सुरक्षित है एन-95 मास्क
लोकलसर्किल के द्वारा ओमिक्रॉन संक्रमण को देखते हुए यह परीक्षण किया। इसके तहत दो व्यक्तियों(एक ओमिक्रॉन संक्रमित व दूसरा कमजोर प्रतिरक्षा वाला) को एक ही घर में छह फीट की दूरी पर रखा गया। इस परीक्षण में पाया गया है कि अगर घर में दोनों व्यक्ति एन-95 मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तीन घंटे से 24 घंटे में संक्रमण पहुंचता है। जबकि, संक्रमित व्यक्ति से एक स्वस्थ्य व्यक्ति, अगर उसने मास्क नहीं पहना है या फिर कपड़े का मास्क पहना है तो संक्रमण को पहुंचने में सिर्फ दो मिनट का समय लगता है। वहीं सर्जिकल मास्क में कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति में यह चार मिनट का समय लेता है।