भगवान शिव से जुड़ा है इस इंडियन डिश का रहस्य, आप भी जान लें ये बात…

आजकल भले ही लोगों का रूझान पिज्जा,बर्गर,फ्रेंच फ्राइज की तरफ हो लेकिन स्वास्थ्य के लिए हल्के और सुपाच्य भोजन को ही बेहतर माना जाता है। इनमें घर की बनी चावल, दाल, रोटी को ही प्राथमिकता दी जाती है।

आप बाहर के खाने से भले ही उब जाए लेकिन घर के खाने से इंसान का जी कभी नहीं भरता है।

हेल्दी और पौष्टिकर खाने की लिस्ट में खिचड़ी का नाम सबसे पहले आता है। रोगियों के लिए तो इसे उपयुक्त माना जाता है।

भगवान शिव से जुड़ा है इस इंडियन डिश का रहस्य

खिचड़ी हम सभी के घर में बनती है और लगभग हम सभी को ये पसंद भी आती है। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि खिचड़ी की शुरूआत कब हुई?

किसने इसे सबसे पहले बनाया? खिचड़ी का संबंध किससे है?आज हम आपके इस पसंदीदा व्यजंन से जुड़ी कुछ बातों का जिक्र करेंगे जिसके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना हो। इसमें सबसे पहले हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण की बात करेंगे।

बता दें कि नेशनल फूड माने जाने वाली खिचड़ी का संबंध भगवान शिव से हैं। ऐसा माना जाता है कि खिचड़ी बनाने की परंपरा की शुरूआत महादेव ने की थी। भगवान शिव का अवतार माने जाने वाले बाबा गोरखनाथ ने सबसे पहले खिचड़ी बनाई थी।

शायद यही वजह है कि आज भी गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ के मंदिर में खिचड़ी का मेला लगता है। ये तो रही बात आध्यात्मिक दृष्टिकोण की।

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योगी का भंयकर युद्ध हुआ था। खिलजी की सेना से लड़ने के दौरान नाथ योगी को इतना वक्त नहीं मिल पाता था कि वो अपने खाने के लिए कुछ बना पाए। ऐसे में नाथ योगी की सेना बहुत कमजोर हो गई थी।

अपनी सेना की बिगड़ती हुई हालत को देखकर राजा ने कैम्प में मौजुद दाल, चावल, सब्जियों को मिलाकर एक व्यंजन बनाया ताकि वक्त भी कम लगे और सेना में शक्ति का संचार भी पर्याप्त मात्रा में हो जाए। तभी से खिचड़ी का चलन आज तक है।

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