बोफोर्स से लाख गुना बेहतर है ये स्वदेशी तोप ‘धनुष’, 26 मार्च को हो जायेगी सेना में शामिल…

सभी परीक्षण सफल होने के बाद अब भारतीय सेना में जल्द ही स्वदेशी तोप ‘धनुष’ शामिल किया जाएगा। 26 मार्च को 6 धनुष तोप सेना को सौंप दिया जाएगा। इस स्वदेशी तोप की मारक क्षमता बोफोर्स से भी ज्यादा बताई जा रही है।

बता दें कि अगले सप्ताह जबलपुर की गन फैक्ट्री 6 धनुष तोप सेना सौंपेगी। भारतीय सेना के लिए यह गन फैक्ट्री कुल 114 धनुष तोप बनाएगी।

अभी 6 धनुष के बाद दिसंबर तक करीब 18 और तोप सेना को मिलने की उम्मीद है।

बोफोर्स से लाख गुना बेहतर है ये स्वदेशी तोप 'धनुष',

45 कैलिबर की 155 मिलीमीटर और ऑटोमेटिक धनुष तोप की तकनीक बोफोर्स की तकनीक पर ही आधारित है।

सियाचीन के ठंडे इलाकों से लेकर राजस्थान के गर्म इलाके में धनुष का परीक्षण सफल रहा। साल 2017 में सीबीआई ने इस तोप के निर्माण में कम गुणवत्ता वाले चीन से लाए गए पुर्जों का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों की जांच भी शुरू की थी।

हालांकि, सरकार की तरफ से संसद में बताया गया कि इससे इसकी गुणवत्ता प्रभावित नहीं हुई है। धनुष का वजन 13 टन है और एक तोप की कीमत करीब 13 करोड़ रुपए है।

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स्वदेशी होने के कारण धनुष तोप को देसी बोफोर्स भी कह सकते हैं। हालांकि धनुष तोप मारक क्षमता सहित कई मामलों में बोफोर्स तोप से बेहतर है। जहां बोफोर्स की मारक रेंज 29 किलोमीटर है वहीं धनुष की रेंज 38 किलोमीटर है।

बोफोर्स में ऑपरेशन ऑटोमेटिक नहीं हैं, जबकि धनुष तोप में एक कंप्यूटर है और यह स्वचालित है।

यानी यह ऑटोमेटिक सिस्टम से खुद ही गोला लोड कर उसे दाग सकता है। लगातार कई घंटों तक फायरिंग के बाद भी धनुष का बैरल गरम नहीं होता।

बोफोर्स से जहां सिर्फ पुराना गोला-बारुद ही दागा जा सकता है वहीं धनुष जहां पुराने गोला बारुद दाग सकता है वहीं नई पीढ़ी के गोला बारूद चलाने में भी सक्षम है।

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