बॉन्ड्स के माध्यम से 2000 करोड़ रुपये जुटाएगी ये फाईनेंस कंपनी

मुंबई। आईआईएफएल होल्डिंग्स लिमिटेड ने गुरुवार को कहा कि इसकी सब्सिडियरी एवं अग्रणी नॉन -बैंकिंग फाईनेंशियल कंपनी-इंडिया इन्फोलाईन फाईनेंस लिमिटेड (आईआईएफएल फाईनेंस) 22 जनवरी, 2019 को बॉन्ड्स के सार्वजनिक इश्यू जारी करेगी।

आईआईएफएल होल्डिंग्स लिमिटेड

इन इश्यू के माध्यम से आईआईएफएल फाईनेंस बिजनेस की वृद्धि व विस्तार के लिए 2,000 करोड़ रुपये एकत्रित करेगी। ब्रिटेन स्थित सीडीसी समूह का सहयोगप्राप्त आईआईएफएल फाईनेंस सिक्योर्ड एवं अनसिक्योर्ड रिडीमेबल नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) जारी करेगी, जिनका मूल्य 250 करोड़ रुपये होगा। ग्रीन-शू विकल्प द्वारा 1,750 करोड़ रुपये का ओवरसब्सक्रिप्शन रखा जा सकेगा, जिसके बाद कुल राशि 2,000 करोड़ रुपये की हो जाएगी।

आईआईएफएल बॉन्ड्स 120 महीनों की अवधि के लिए व्यक्तियों एवं अन्य श्रेणियों को 10.50 प्रतिशत प्रतिवर्ष का सर्वाधिक ब्याज एवं संस्थागत श्रेणी के लिए 10.35 प्रतिशत का ब्याज दे रहे हैं। इसमें मासिक और वार्षिक भुगतान का विकल्प है। पेश की जाने वाली अन्य अवधियां 39 माह एवं 60 माह हैं।

आईआईएफएल समूह के सीएफओ प्रबोध अग्रवाल ने कहा, “इस इश्यू द्वारा एकत्रित किए गए फंड्स का उपयोग ऑनवार्ड लेंडिंग, फाईनेंसिंग एवं सामान्य कॉपोर्रेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। आईआईएफएल द्वारा जारी किया गया पिछला हर बॉन्ड ओवर-सब्सक्राईब हुआ है और उसका भुगतान समय पर किया गया है।”

आईआईएफएल फाईनेंस के सीईओ सुमित बाली ने कहा, “भारत में 1,755 शाखाओं के साथ हमारी मजबूत पहुंच और बेहतरीन डाइवर्सिफाईड पोर्टफोलियो के द्वारा हम पर्याप्त सुविधाओं से वंचित जनसंख्या के विविध सेगमेंट्स की क्रेडिट की जरूरत को पूरा करने में समर्थ बने हैं। एकत्रित किए गए फंड हमें ऐसे ज्यादा क्षेत्रों में अपने काम का विस्तार करने में मदद करेंगे।”

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आईआईएफएल फाईनेंस का प्रॉफिट (आफ्टर टैक्स) 30 सितंबर, 2018 को समाप्त हुई छमाही के लिए 357.2 करोड़ रुपये था। इसने 69 प्रतिवर्ष साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की। इसके लोन एस्सेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम), मुख्यत: रिटेल में 40 प्रतिशत साल-दर-साल की मजबूत वृद्धि के साथ 36,373 करोड़ रुपये हो गए।

ऐसा मुख्यत: स्मॉल टिकट होम लोंस के कारण हुआ जो 30 सितंबर, 2018 के अनुसार 59 प्रतिशत साल-दर-साल बढ़े, एसएमई फाईनेंस लोन 113 प्रतिशत साल-दर-साल बढ़े, वहीं माईक्रोफाईनेंस लोन 259 प्रतिशत साल-दर-साल बढ़े।

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