बैंक से लोन ना मिल पाने के कारण परेशान किसान ने अपनी जिंदगी पर लगाया दाव

एक निराश किसान ने मजबूर होकर अपनी किडनी बेचने का पैसला लिया है। डेयरी फार्मिंग के लिए बैंक इस किसान को लोन नहीं दे रही थी। उस किसान ने हर किसी से अपील की कोई उसकी किडनी खरीद ले। यहां तक की उस किसान ने  पोस्टर लगवाकर भी किडनी खरीदने की अपील की है। अभी तक उसकी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया है।

बैंक से लोन

मामला सहारनपुर में नकुड़ क्षेत्र के ग्राम चतरसाली निवासी रामकुमार का है। रामकुमार (31 वर्ष) ने सहारनपुर में जगह-जगह किडनी बिकाऊ है के पोस्टर लगवा दिए हैं। स्नातक की पढ़ाई कर खेती कर रहे रामकुमार का कहना है कि उसने वर्ष 2007 में हरियाणा सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी एंड डेयरिंग संस्थान से डेयरी फार्मिंग का कोर्स किया।

पांच साल पूर्व यूपी की सपा सरकार की योजना के तहत डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद 2018 में कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर के कृषि वैज्ञानिक के कहने पर एक बार फिर कोर्स किया। उसे बताया गया था कि डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू कर सकता है, जिसके लिए आसानी से बैंक से कर्ज मिल जाएगा।

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रामकुमार ने बैंकों में आवेदन किया। यही नहीं बैंक से ऋण मिलने की उम्मीद में उसने कई लोगों से कर्ज लेकर डेयरी फार्मिंग का पूरा सेटअप तैयार कर लिया। पांच पशु भी खरीद लिए, जिससे बैंक के अधिकारी मौके का सर्वे कर उसके कार्य को देख सकें। इस कारण उस पर लगभग दस लाख रुपये का कर्ज हो गया, लेकिन बैंकों ने उसे ऋण देने से ही इंकार कर दिया। क्षेत्र की अन्य बैंक शाखाओं में भी अपना प्रोजेक्ट दिखाकर लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन किसी ने उसका आवेदन देखा तक नहीं।

इसकी शिकायत लीड बैंक मैनेजर से की। लीड बैंक मैनेजर ने कह दिया कि जिस बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड है, उसी से लोन मिल सकता है, लेकिन संबंधित बैंक शाखा मैनेजर ने यह कहते हुए ऋण देने से इंकार कर दिया कि बैंक पहले से ही 100 करोड़ का लोन दे चुका है, वसूली सिर्फ 60 करोड़ की हुई है, 40 करोड़ अभी भी नहीं मिल सके हैं। इसलिए वह ऋण देने में असमर्थ है।

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