बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए 8609.62 करोड़ रूपये के प्रस्तावों को मंजूरी

लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की वजह से बंद पड़ स्कूलो की वजह से हो रही ऑनलाइन पढ़ाई को बढावा देते हुए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली लागू करने की तैयारी में जुटी योगी सरकार अब प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टेबलेट की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई व्यवस्था को अपनी सहमति दे दी है।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2020-2021 समग्र शिक्षा के लिए 8609.62 करोड़ रूपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में डिजिटल लर्निंग बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं। कोरोना के दुष्प्रभाव की वजह से स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई हैं। ऐसे में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में टैबलेट की व्यवस्था करने का फैसला किया गया है।

अकैडमिक रिसोर्स पर्सन्स को भी टैबलेट दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। जिससे वे विद्यार्थियों को रोचक ढंग से पढ़ा सकें व लेक्चर रिकॉर्ड कर सकें। इसके लिए एक दीक्षा कंटेंट सेल भी बनाई गई है जो पाठ्य सामग्री से जुड़े रोचक वीडियो व कंटेंट तैयार कर रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भवन निर्माण व विस्तार तथा फर्नीचर आदि के लिए 488.61 करोड़ रूपये मिले हैं। विद्यालयों में उपकरण, शैक्षिक सामग्री, उनके रख-रखाव व स्वच्छता एक्शन प्लान के लिए 574 करोड़ व गुणवत्ता सुधार के लिए 331.99 करोड़ रुपये की सहायता मिली है।

छात्र-छात्राओं की स्कूल यूनिफॉर्म के लिए 927 करोड़, निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों के लिए 532.57 करोड़ रूपये, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गुणवत्ता व अवस्थापना सुविधाओं के लिए 145 करोड़ रूपये, शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए 19 करोड़, दिव्यांग बच्चों की सुविधा व उन्हें समर्थ बनाने के लिए 57 करोड़, पुस्तकालयों के लिए 10.24 करोड़, छात्राओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए 25.95 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में साफ पीने के पानी, विद्युतीकरण, जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण व छात्राओं की सुविधा के लिए 8वीं तक के विद्यालयों में इंसीनरेटर की भी व्यवस्था की जाएगी। परिषदीय विद्यालयों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को भी उच्चीकृत किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों से भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है। वर्तमान शिक्षण सत्र के दौरान ही कई बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। कोरोना की वजह से अभी स्कूल नहीं खोले जा सके हैं लेकिन जब भी इनकी शुरुआत होगी तो छात्र छात्राओं को नए शैक्षिक माहौल का अनुभव करने का मौका मिलेगा।

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