प्रत्यारोपित हाथों से बेसबॉल खेल रहा हार्वे

बेसबॉल न्यूयॉर्क। कुछ साल पहले जियोन हार्वे ने सोचा भी नहीं होगा कि वह कभी सामान्य जीवन जी पाएगा, लेकिन दो साल पहले दोनों हाथों के प्रत्यारोपण के बाद वह न केवल लिखने और खाना खाने में सक्षम है, अपने दोनों हाथों से बेसबॉल भी खेल रहा है। अमेरिका के रहने वाले 10 साल के हार्वे ‘दोनों हाथों के प्रत्यारोपण’ से साधारण जीवन का आनंद लेने वाला दुनिया का पहला बच्चा है। अपने नए हाथों से हार्वे अब साधारण बच्चों की तरह लिख पा रहा है, खाना खा रहा है और अपने पसंद के कपड़े खुद ही पहन पा रहा है।

हार्वे के लिए किए गए विश्व के पहले ‘बाइलेट्रल हैंड एंड फोरआर्म ट्रांसप्लांटेशन’ ने प्रत्यारोपण चिकित्सा में नई क्रांति ला दी है। वैज्ञानिकों ने इसे सफल करार दिया। इसे जाने-माने जरनल ‘द लांसेट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट हेल्थ’ में प्रकाशित भी किया गया।

उल्लेखनीय है कि जुलाई, 2015 में ‘द चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया’ में सर्जनों ने आठ साल के हार्वे में दो नए हाथ व फोरआर्म का प्रत्यारोपण किया था। इस इलाज में करीब 10 घंटे और 40 मिनट का समय लगा।

सर्जरी के बाद कुछ दिनों के भीतर हार्वे अपने हाथों की उंगलियां अच्छे से घुमा पा रहा था। छह माह के भीतर उसके हाथों की मांस-पेशियों में हलचल शुरू हो गई। इसके बाद वह कैंची का इस्तेमाल करने व पेंटिंग करने में सक्षम हो गया।

इस सर्जरी से पहले हार्वे ने चिकित्सक को कहा था कि उसकी इच्छा एक दिन बेसबॉल खेलने की है, जिसे अब हार्वे अच्छे से पूरी कर रहा है।मेडिकल टेस्ट में यह सामने आया है कि भले ही हार्वे को किसी डोनर ने हाथ दिए हैं, लेकिन उसके मस्तिष्क ने इन्हें शरीर के अपने अंग की तरह स्वीकार किया है।

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