बेटे को राजनीति में उतारने के लिए मां ने दांव पर लगाया अपना राजनीतिक करियर

उत्तर प्रदेश की राजनीति इस वक्त गरमाई हुई है। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते हैं टिकट को लेकर नेताओं की होड़ हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी में भी टिकट को लेकर खींचतान राजनेताओं अपने अपने खुद के साथ ही अब अपने परिवार के सदस्यों के लिए पार्टियों से टिकट की पेशकश कर रहे हैं। वहीं सदस्यों को टिकट ना देने पर अपना राजनीतिक करियर भी दांव पर लगा रहे हैं। इस लिस्ट में अब प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी को भी नाम शामिल हो गया है।

रीता बहुगुणा जोशी ने अपने पुत्र मयंक जोशी को विधानसभा चुनाव का टिकट पक्का करने के लिए अपनी सांसदी छोड़ने की पेशकश की है। पिछले कुछ दिनों से सांसद दिल्ली में ही हैं। मंगलवार को उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिख कर कहा कि अगर पार्टी उनके पुत्र मयंक जोशी को विधानसभा चुनाव का टिकट देती है तो वह अपना सांसद का पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

सांसद रीता ने कहा कि उनका बेटा पिछले कई वर्ष से भाजपा में काम कर रहा है । इसी वजह से उन्होंने पुत्र मयंक के लिए पार्टी से टिकट की मांग की है । अमर उजाला से फोन पर हुई बातचीत में रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि उनके बेटे ने लखनऊ कैंट से टिकट मांगा है। उन्होंने कहा, अगर पार्टी उनके बेटे को टिकट देती है, तो वे सांसद पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

रीता ने कहा कि उन्होंने बीजेपी नेतृत्व को भी यह बात बता दी है । रीता के मुताबिक पार्टी के एक परिवार एक टिकट के नियम का समर्थन करती हैं। पार्टी ने नियम बनाया है कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। ऐसे में अगर मेरे बेटे को लखनऊ कैंट से टिकट मिलता है, तो मैं सांसद पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।

मैं 2024 में लोकसभा चुनाव भी नहीं लडूंगी। रीता के अनुसार वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ही उन्होंने तय किया था कि वह उनका आखिरी चुनाव है, लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि वह भाजपा में ही है और भाजपा में ही रहेंगी।

उधर प्रयागराज जिले की फूलपुर संसदीय सीट के सांसद केसरी देवी पटेल भी अपने पुत्र दीपक पटेल को करछना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। दीपक इस सीट से एक बार पहले भी बसपा के टिकट पर विधायक बन चुके हैं।

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