बीजेपी के कार्यक्रताओं से लेकर सांसदों तक की नींद उड़ाएगा मोदी का स्पेशल सर्वे, जनता से पूछे ये गंभीर सवाल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव करीब है ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने सियासी समीकरण बनाने शुरु कर दिये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार भी 2014 की सफलता को बरकरार रखने और दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए अपनी योजना तैयार कर रही है।
खास बात है कि पीएम मोदी खुद इन समीकरणों को धार देने के लिए नज़र बनाए हुए हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम एक सर्वे करा रहे हैं, जिसके तहत वह जनता के बीच पार्टी सांसदों के कामों और उनकी सक्रियता के बारे में जानकारी लेंगे।
इस बावत प्रधानमंत्री ने एक वीडियो भी तैयार किया है। इसमें वह खुद देश की जनता से सर्वे में प्रतिभाग करने की अपील करते दिखाई दिये। बता दें को मोदी का यह सर्वे बीजेपी सांसदों की टेंशन बढ़ाने वाला है।
नमो ऐप पर शुरु हो रहा सर्वे
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरु किया यह सर्वे NAMO APP पर आयोजित किया जा रहा है। इस सर्वे को ‘People’s Pulse’ नाम दिया गया है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के टिकट वितरण में यह सर्वे काफी अहम साबित हो सकता है।
इस सर्वे के लिए पीएम मोदी ने एक वीडियो बनाकर जनता से कई सवाल करते हुए उनके जवाब देने की अपील की है। सर्वें में कई तरह के सवाल पूछे गये हैं। इनेमें से एक सवाल पार्टी सांसदों को परेशान कर सकता है।
सर्वे में पूछे गये इस सवाल से चिंतित हैं बीजेपी सांसद
पीएम के ‘People’s Pulse’ सर्वें में एक सवाल के तहत जनता से पूछा गया है कि “वह अपने संसदीय क्षेत्र में तीन लोकप्रिय भाजपा नेताओं के नाम बताएं?” ऐसी खबरें हैं कि यदि लोग मौजूदा सांसद के कामकाज से नाखुशी जाहिर करते हैं तो सांसद का टिकट काटा भी जा सकता है।
इसके अलावा जनता से कई और सवाल भी पूछे गए हैं जिनमें विकास कार्यों और गवर्नेंस से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। ये सवाल ऐसे हैं, जिन पर यदि जनता ने अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया तो पार्टी सांसद की चिंता स्वभाविक तौर पर बढ़ सकती है।
जनता नहीं, बीजेपी कार्यकर्ता भी हैं अधिकतर सांसदों से नाराज़
आपको बता दें कि हाल में एक हिंदी समचार पत्र ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र किया था, कि बीजेपी कार्यकर्ताओं में पार्टी के 60 फीसदी सांसदों के प्रति नाराजगी है। इस बात का खुलासा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक के दौरान हुआ है।
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यहां बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने जब कार्यकर्ताओं से आगामी चुनावों को लेकर चर्चा की तो 60 फीसदी कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय सांसदों के कामकाज पर असंतोष जाहिर किया। ऐसे में अगर सर्वे में प्रधानमंत्री को चुने हुए सांसदो के खिलाफ जनता और कार्यकर्तोओं का असंतोष दिखेगा तो वह कड़ा एक्शन भी ले सकते हैं।